Taliban नेता ने कहा- ‘कानून का डर कायम करने के लिए हाथ काटने की सजा जरूरी’
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Taliban नेता ने कहा- ‘कानून का डर कायम करने के लिए हाथ काटने की सजा जरूरी’

तालिबान खुद को बदलने के भले ही कितने भी दावे करे, लेकिन उसकी कट्टर सोच कभी नहीं बदलने वाली. तालिबानी नेता मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने स्पष्ट कर दिया है कि नई सरकार में भी पुरानी सरकार जैसी कट्टर सजाएं दी जाएंगी. जिसमें हाथ काटने से लेकर फांसी तक शामिल है.

फाइल फोटो: मिरर

काबुल: तालिबान (Taliban) ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि उससे किसी भी प्रकार के रहम की उम्मीद न की जाए. अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर काबिज तालिबान का कहना है कि कट्टर इस्लामी कानूनों को लागू किया जाएगा और उन्हीं के अनुरूप सजा दी जाएगी. इसमें हाथ काटने से लेकर फांसी पर चढ़ाए जाने जैसी क्रूर सजाएं शामिल हैं. जबकि नई सरकार की घोषणा पर तालिबान ने कहा था कि उसकी ये सरकार पिछली सरकार से बिल्कुल अलग होगी और वो बदले की भावना से काम नहीं करेगा. 

  1. तालिबानी नेता मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने दिया बयान
  2. पिछली सरकार में संभाला था कानून मंत्रालय 
  3. क्रूर सजाएं देने से पीछे नहीं हटेगा तालिबान 

पर्दे के पीछे मिलेगा Punishment 

तालिबान (Taliban) के संस्थापकों में से एक और इस्लामी कानून के जानकार मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी (Mullah Nooruddin Turabi) ने अपनी सरकार के इरादे स्पष्ट करते हुए कहा है कि जल्द ही पुरानी सरकार में दी जाने वाली सजाओं को लागू किया जाएगा. इसमें लोगों के हाथों को काटने से लेकर फांसी देने तक की सजा शामिल है. ऐसी सजाएं कानून का डर कायम करने के लिए जरूरी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस बार ऐसी सजाएं सार्वजनिक रूप से नहीं, बल्कि पर्दे के पीछे दी जाएंगी. 

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World को दे डाली चेतावनी 

न्यूज एजेंसी AP को दिए इंटरव्यू में मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने फांसी की सजा पर तालिबान की नाराजगी वाले दावों को खारिज कर दिया. मुल्ला ने अफगानिस्तान की नई सरकार के खिलाफ किसी भी प्रकार की साजिश रचने को लेकर दुनिया को चेतावनी भी दे डाली. बता दें कि तालिबान की पिछली सरकार में फांसी की सजा आमतौर पर किसी स्टेडियम में दी जाती थी, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोगों पहुंचते थे. 

‘कोई हमें न बताए, क्या करना है’

तुराबी ने कहा कि स्टेडियम में फांसी दिए जाने पर सभी ने हमारी आलोचना की, लेकिन हमने उनके कानूनों और उनकी सजा के बारे में कभी कुछ नहीं कहा. कोई हमें नहीं बता सकता कि हमारे कानून क्या होने चाहिए. हम इस्लाम का पालन करेंगे और कुरान पर अपने कानून बनाएंगे. तुराबी के बयानों से साफ है कि तालिबान जल्द ही अपने पुराने शासन की सजाओं को लागू कर सकता है. गौरतलब है कि 60 साल के तुराबी तालिबान की पिछली सरकार में कानून मंत्री थे. 

 

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