काबुल: अफगानिस्तान से US आर्मी की वापसी के बाद तालिबान तेजी से अपने इरादों को पूरा करता दिख रहा है. अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है. तालिबान की क्रूरता के बीच अफगानिस्कान की फौज के पैर उखड़ने की खबरें आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान के सिक्योरिटी फोर्सेज और प्रशासन कब्जे वाले स्थान से पीछे हट चुके हैं.


साउथ स्टेट से कटा काबुल


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इससे पहले बुधवार को अमेरिकन आर्मी के एक अधिकारी ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर अंदेशा जताया था कि तालिबान 1 महीने के अंदर काबुल को घेर लेगा और 3 महीने के अंदर राजधानी काबुल पर कब्जा कर सकता है. अफगानिस्तान के प्रांत गजनी पर तालिबान के कब्जे के साथ ही काबुल को दक्षिणी प्रांतों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण हाईवे कट गया है.


20 साल पुराना संघर्ष US ने छोड़ा


अमेरिका और नाटो के सैनिक करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान आये थे और उन्होंने तालिबान सरकार हटाया था. अब अमेरिकी बलों की पूरी तरह वापसी से कुछ सप्ताह पहले तालिबान ने गतिविधियां बढ़ा दीं. एक तरफ काबुल पर सीधा खतरा है, वहीं गजनी के जाने से तालिबान की देश के करीब दो तिहाई हिस्से पर पकड़ मजबूत होती दिख रही है. यहां हजारों लोग घर छोड़कर जा चुके हैं.


तालिबान ने शेयर किए वीडियो


काबुल के दक्षिण-पश्चिम में 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गजनी में उग्रवादियों ने सफेद झंडे फहराए. दो स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि शहर के बाहर स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान और खुफिया ठिकाने पर छुटपुट लड़ाई अभी भी चल रही है. तालिबान की ओर से ऑनलाइन वीडियो और तस्वीरें डाली गईं जिनमें उसके लड़ाके गजनी में नजर आ रहे हैं.


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पुलिस अधिकारियों का समर्पण


गुरुवार को तालिबान के सामने कुछ पुलिस अधिकारियों ने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली, जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है. प्रांतीय कारागार पर भी आत्मघाती कार से बम हमला हुआ हालांकि इस पर अब भी सरकारी बलों का कब्जा है. लेकिन तालिबान बीते एक हफ्ते में अपने सैकड़ों आतंकवादियों को छुड़वा चुका है और हथियारों व वाहनों पर कब्जा कर चुका है.