मॉरीशस की वाजपेयी को श्रद्धांजलि, साइबर टावर का नाम रखा अटल बिहारी वाजपेयी टावर
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मॉरीशस की वाजपेयी को श्रद्धांजलि, साइबर टावर का नाम रखा अटल बिहारी वाजपेयी टावर


पोर्ट लुईस के एक साइबर टावर का नाम अटल बिहारी वाजपेयी टावर होगा

पोर्ट लुईस में चल रहे विश्व हिंदी सम्मेलन की झलक (फोटो साभार - (डीडी न्यूज)

पोर्ट लुईस (मॉरीशस): दुनिया में हिंदी भाषा की पहुंच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में 11वां विश्व हिंदी सम्मेलन शनिवार से शुरू हो गया. इस सम्मेलन में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मॉरीशस ने श्रद्धांजलि दी है. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ ने घोषणा की है कि जिस साइबर टावर के निर्माण में अटल जी ने सहयोग प्रदान किया था, अब उस टावर का नाम अटल बिहारी वाजपेयी टावर होगा. 

  1. मॉरीशस में साइबर टावर के निर्माण में अटल जी ने सहयोग प्रदान किया था
  2. दिल्ली, चंडीगढ़ और पुडुचेरी सहित 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि मौजूद
  3. पहली बार आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए विशेष विमान का प्रबंध

सम्मेलन की शुरुआत में वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं. सम्मेलन का उद्घाटन मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ ने किया. इस साल विश्व हिंदी सम्मेलन का थीम है- हिंदी की दुनिया और भारतीय संस्कृति.

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ऐसा इस बार पहली बार हुआ है जिसमें आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए विशेष विमान का प्रबंध किया गया. करीब 290 सदस्य पोर्ट लुईस पहुंचे हैं. साथ ही यह भी पहली बार हुआ है जब दिल्ली, चंडीगढ़ और पुडुचेरी सहित 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने आए है.

करीब 20 देशों से आए 2000 सदस्यों वाले इस तीन दिनों के सम्मेलन में हिंदी की दुनिया और भारतीय संस्कृति पर आठ उपविषयों पर व्याख्यान दिए जाएंगे. साथ ही वाजपेयी जी के साहित्य पर 2 घंटे का विशेष सत्र भी होगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी हैं. मोदी ने अपने संदेश में कहा है कि मैं आश्वस्त हूं कि यह सम्मेलन हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में मददगार होगा और पूरी दुनिया में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका की समझ बढ़ेगी.

इस सम्मेलन मे गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी भी हिस्सा लेने पहुंचे हैं. हिंदी भाषा को सेवा  और जानकारी का माध्यम बनाने के लिए विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 1975 में हुई थी. तब से अब तक हिंदी ने काफी तरक्की की है और आज दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी का स्थान अग्रणी है.

सम्मेलन में दो डाक टिकट जारी हुए
मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अवसर पर दो डाक टिकट जारी किए. एक पर भारत एवं मॉरिशस के राष्ट्रीय ध्वज और दूसरे पर दोनों देशों के राष्ट्रीय पक्षी मोर और डोडो की तस्वीर है.

 

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