जेहाद (Jihad) में शामिल होने के लिए शमीमा बेगम (Shamima Begum) 15 साल की उम्र में सीरिया चली गई थी. शौहर की मौत के बाद अब उसने जेहाद की 'अंदरुनी सच्चाई' के बारे में कई परतें खोली हैं.
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दमिश्क, सीरिया: जेहाद (Jihad) में शामिल होने के लिए 15 साल की उम्र में सीरिया गई ISIS आतंकी की दुल्हन शमीमा बेगम (Shamima Begum) अब अपने देश लौटना चाहती है. उसका दावा है कि जेहादियों ने उसे बहका दिया था. जिसकी वजह से उसने देश छोड़ने का गलत फैसला कर लिया. लिहाजा अब उसे अपने देश वापसी का मौका दिया जाना चाहिए.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक शमीम बेगम ISIS में शामिल होने के लिए वर्ष 2014 में ब्रिटेन (UK) छोड़कर सीरिया (Syria) पहुंच गई थी. उस वक्त उसकी उम्र केवल 15 साल थी. उसने वहां पर ISIS के एक आतंकी से शादी कर ली और उसके साथ जेहाद में शामिल हो गई. इस शादी के बाद उसे 2 बच्चे पैदा हुए.
ISIS आतंकियों ने सीरिया और इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा कर वहां बड़े पैमाने पर आम लोगों को मौत के घाट उतारा. इसके बाद अमेरिका और रूस समेत कई देशों ने आतंकियों के खिलाफ सीरिया-इराक में अभियान शुरू किया. जिसमें बड़ी संख्या में ISIS के आतंकी मारे गए. मरने वालों में शमीमा बेगम (Shamima Begum) का शौहर भी शामिल था.
सीरिया-इराक से ISIS के आतंकियों का सफाया और अपने आतंकी शौहर की मौत होने के बाद शमीम बेगम ने वापस ब्रिटेन (UK) लौटने की कोशिश की. इसकी भनक लगने पर ब्रिटिश सरकार ने फरवरी 2019 में आदेश जारी कर उसकी नागरिकता रद्द कर दी और कहा कि उसे कभी भी देश में नहीं घुसने दिया जाएगा. इसके बाद से शमीमा बेगम सीरिया के एक रिफ्यूजी कैंप में रह रही है.
गुड मॉर्निंग ब्रिटेन के साथ लाइव टेलीकास्ट में पहली बार दुनिया से बात करते हुए शमीमा बेगम (Shamima Begum) ने खुद को पूरी तरह बेगुनाह बताया. होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाए शमीमा ने दावा किया कि वह उस वक्त बहुत छोटी थी. उसे IS के आतंकियों ने बहका दिया था, जिसके चलते उसने देश छोड़ दिया. अब वह मरना पसंद करेगी लेकिन कभी भी Isis में नहीं जाएगी.
IS आतंकी की पूर्व दुल्हन रही शमीमा बेगम (Shamima Begum) ने दावा किया कि उसने जेहाद (Jihad) में भाग नहीं लिया. वह तो केवल अपने शौहर के बच्चे पालती थी और उसकी बीवी की जिम्मेदारी निभा रही थी. शमीमा ने कहा कि इंटरनेट पर उसे मुस्लिम होने के नाम पर बरगलाया गया था. उससे कहा गया था कि ब्रिटेन में रहकर वह अच्छी मुस्लिम नहीं बन सकती. इसलिए उसे जेहाद में शामिल होने के लिए सीरिया जाना चाहिए.
उसने कहा कि ब्रिटेन (UK) छोड़ते वक्त वह सोच रही थी कि वह ISIS के किसी आदमी से शादी करेगी. उसके बाद उसके बच्चे पैदा करके पूरी जिंदगी प्योर इस्लामिक लाइफ जिएगी. उसे नहीं पता था कि सीरिया में आकर उसे इस तरह के दलदल में फंस जाना होगा.
शमीमा बेगम (Shamima Begum) ने कहा कि उसे ब्रिटेन वापस आने का मौका दिया जाना चाहिए. ऐसा करके वह सरकार की जेहादियों और आतंकियों के खिलाफ जंग में साथ दे सकती है. वह अपने अनुभवों के आधार पर सरकार को बता सकती है कि आतंकी किस प्रकार युवाओं को फंसाने के लिए इंटरनेट को अपना टूल बना रहे हैं.
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शमीमा ने कहा कि वह ब्रिटिश सरकार के लिए कोई खतरा नहीं बल्कि एक असेट बनना चाहती है. वह आतंक के खिलाफ जंग में सरकार का साथ देना चाहती है. शमीमा ने कहा कि जिन हजारों लोगों को Isis के आतंकियों जेहाद के नाम पर मारा, वह उनसे माफी मांगती है. मजहब के नाम पर इन हत्याओं को किसी भी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता.
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