ब्रिटिश महारानी के रहमोकरम से देश चाहता है मुक्ति, इसके लिए उठाया ये बड़ा कदम
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ब्रिटिश महारानी के रहमोकरम से देश चाहता है मुक्ति, इसके लिए उठाया ये बड़ा कदम

बारबाडोस ने अपना पहला राष्ट्रपति चुन लिया है. बारबाडोस का यह फैसला देश को गणतांत्रिक बनाने और ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को राज्य प्रमुख के पद से हटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (फाइल फोटो)

ब्रिजटाउन: दुनिया में आज भी कुछ देश ऐसे हैं जहां आजादी के बाद भी उनकी राज्य प्रमुख ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) है. बारबाडोस (Barbados) भी उन्हीं में से एक देश है. लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा. उसने पूरी तरह से गणराज्य (Republic State) होने का फैसला कर लिया है और अपने लिए राष्ट्रपति का भी चुनाव कर लिया है.  बारबाडोस ने डेम सैंड्रा मेसन (Dame Sandra Mason) को अपना पहला राष्ट्रपति चुना है. यह कदम देश को गणतांत्रिक बनाने और ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को राज्य के प्रमुख के रूप में से हटाने के लिए महत्वपूर्ण है. 72 वर्षीय डेम सैंड्रा मेसन 30 नवंबर को शपथ लेंगी. यह दिन ब्रिटेन से इस देश की आजादी की 55 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करेगा.

  1. डेम सैंड्रा मेसन होंगी बारबाडोस की पहली राष्ट्रपति
  2. 54 साल पहले आजाद हुआ देश अब बनेगा गणतांत्रिक
  3. 1625 में अंग्रेजों ने इस देश पर जमाया था अपना कब्जा

54 साल पहले ही आजाद हो गया था देश

यह ऐतिहासिक चुनाव बुधवार को हाउस ऑफ असेंबली और सीनेट के संयुक्त सत्र के बाद हुआ. इस मौके पर प्रधानमंत्री मिया मोटली (Mia Mottley) ने मतदान को राष्ट्र के लिए एक 'महत्वपूर्ण पल' बताया. आपको बता दें कि बारबाडोस कोर्ट ऑफ अपील्स में सेवा देने वाली पहली महिला, सैंड्रा 2018 से गवर्नर-जनरल हैं. वैसे तो बारबाडोस (Barbados) ब्रिटिश औपनिवेश से 54 साल पहले ही मुक्त हो गया था. लेकिन उसकी शासन प्रणाली ऐसी थी जिसमें राज्य प्रमुख ब्रिटेन की महारानी (Queen Elizabeth) ही थीं. लेकिन पिछले साल ही यानी सितंबर 2020 में, वहां की सरकार ने देश को गणतांत्रिक राष्ट्र बनाने की घोषणा की थी.

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1625 में अंग्रेजों ने किया था कब्जा

बारबाडोस की सरकार ने कहा था कि बारबाडोस के लिए हमारे औपनिवेशिक अतीत (Colonial History) को पूरी तरह से पीछे छोड़ने का समय आ गया है. इससे पहले साल 1998 में संवैधानिक समीक्षा द्वारा पहले ही इस परिवर्तन की सिफारिश की गई थी. बारबाडोस की आबादी 3 लाख से भी कम है. इस पर अंग्रेजों ने 1625 में कब्जा किया था और तब से ब्रिटिश रीति-रिवाजों के प्रति वफादारी के लिए इस देश को 'लिटिल इंग्लैंड' कहा जाता है.

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फेमस पर्यटन स्थल है बारबाडोस

गौरतलब है कि बारबाडोस एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. कोविड-19 महामारी से पहले, यहां हर साल 1 मिलियन से ज्यादा पर्यटक आते थे और इसके रमणीय समुद्र तटों (Idyllic Beaches) और क्रिस्टलीय पानी का दौरा करते थे. आपको बता दें बारबाडोस कैरिबियन में गणतांत्रिक देश बनने वाला पहला ब्रिटिश उपनिवेश (British Colony) नहीं है. साल 1970 में, ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के चार साल से भी कम समय के बाद, गुयाना ने खुद को एक गणतंत्र राज्य के रूप में घोषित किया था. इसके अलावा त्रिनिदाद और टोबैगो ने 1976 में और डोमिनिका ने 1978 में इसी पैटर्न को अपनाया. 

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