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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर से अभी दुनिया पूरी तरह उभरी भी नहीं है कि इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने लोगों की नींद उड़ा दी है. एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में करीब 26.2 करोड़ लोग कोरोना का शिकार हो चुके हैं ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हालिया खुलासे से उन सभी की चिंता बढ़ गई है जो पहले से ही पोस्ट कोविड परेशानियों से उबर नहीं पाए हैं.
कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) अभी तक गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम करने के साथ मत्यु दर को कम करने में अहम भूमिका निभा चुकी है लेकिन इस वैरिएंट पर वो कितनी प्रभावशाली है इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है.
WHO के मुताबिक अभी तक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे खतरनाक माना गया था लेकिन वो भी इतनी तेजी से नहीं फैला जिसकी आशंका जताई जा रही थी. वहीं ओमीक्रान, डेल्टा से भी खतरनाक माना जा रहा है.
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हमारी सहयोगी वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस ओमिक्रॉन की पड़ताल जारी है. इसकी टेस्टिंग में WHO ऐसे टेक्निकल पार्टनर के सहयोग से काम कर रहा है जो वैक्सीनेशन को चल रही रिसर्च के हिसाब से ये पता सके कि इस वैरिएंट में अभी तक दुनियाभर में मौजूद वैक्सीन कितनी कारगर है.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका और दुनिया भर के वैज्ञानिक अब ओमिक्रॉन के कई पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं. इन सभी अध्ययनों के निष्कर्ष आते ही डिटेल्ड रिपोर्ट सभी के साथ शेयर की जाएगी.
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में ऑमिक्रॉन वैरिएंट के मामले पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े हैं. देश के राष्ट्रपति ने हर प्रांत में इस वैरिएंट की मौजूदगी की पुष्टि की है. जानकारी के मुताबिक गौटेंग में 90 फीसदी नए मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट के थे.
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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भले ही कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन उन लोगों को ज्यादा बड़ा खतरा बन सकता है जिनको पहले कोविड हो चुका है. लेकिन इस मामले में फिलहाल फौरी राहत की बात ये मानी जा सकती है कि WHO का ये आंकलन एक सीमित डेटा के आधार पर जारी किया गया है.
आपको बताते चलें कि नीदरलैंड, इजरायल, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं.