वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने रूस जांच से जुड़े अहम आपराधिक मामले में हस्तक्षेप करते हुए लंबे समय से अपने राजनीतिक विश्वासपात्र रहे रोजर स्टोन की सजा कम कर दी है. ट्रंप की तरफ से शुक्रवार को यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब स्टोन की 40 माह की सजा कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली थी.


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बता दें कि रोजर स्टोन को ये सजा 2016 का चुनाव जीतने के लिए ट्रंप के अभियान की रूस के साथ मिलीभगत के आरोपों में हो रही संसद की जांच को बाधित करने और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने तथा कांग्रेस से झूठ बोलने के लिए सुनाई गई है. यह कदम, विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर की जांच को लेकर राष्ट्रपति की नाराजगी को रेखांकित करने के साथ ही राष्ट्रपति एवं उनके प्रशासन द्वारा उस जांच के विमर्श को फिर से लिखने के लगातार जारी प्रयासों का हिस्सा है जिसकी छाया शुरू से ही व्हाइट हाउस पर पड़ी हुई है.


न्याय मंत्रालय द्वारा ट्रंप के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, माइकल फ्लिन के खिलाफ मामले को खारिज किए जाने को लेकर पहले से ही चिंतित डेमोक्रेट्स ने विधि के शासन को और कमतर करने के लिए ट्रंप की आलोचना की है. स्टोन (67) को मंगलवार से जेल की सजा काटनी शुरू करनी थी लेकिन उसने बताया कि ट्रंप ने उसे शुक्रवार शाम फोन कर बताया कि फिलहाल के लिए उसकी बला टल गई है.


हालांकि, सजा कम करने से स्टोन की अपराध सिद्धि उस तरीके से रद्द नहीं होती जैसी माफी में होती है लेकिन यह उसकी सजा की अवधि जरूर कम हो जाएगी. आलोचकों के अनुसार यह कदम ट्रंप द्वारा राष्ट्र के न्यायिक तंत्र में असाधारण हस्तक्षेप को दर्शाने के साथ ही उन नियमों एवं मानकों का उल्लंघन करने की उनकी इच्छा को भी दिखाता है जो दशकों से राष्ट्रपति के आचरण का हिस्सा रहे हैं.


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