ट्विटर खोलेगा ट्रांसपेरेंसी सेंटर, लेबल होंगे राजनैतिक विज्ञापन
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ट्विटर खोलेगा ट्रांसपेरेंसी सेंटर, लेबल होंगे राजनैतिक विज्ञापन

ट्विटर जल्द ही एक ट्रांसपेरेंसी सेंटर खोलने जा रहा है और अब उसके पॉलिटिकल ऐड्स भी लेबल होंगे जिन्हें पहचान कर उनका फीडबैक भी दिया जा सकता है.

प्रतीकात्मक

सैन फ्रांसिस्को :  अपने प्लेटफार्म पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ट्विटर ने घोषणा की है कि वह अपने सभी विज्ञापनों का, उन्हें लाने वाले व्यक्ति की पहचान के साथ, जनता के लिए खुलासा करेगी जिसमें राजनैतिक और मुद्दों पर आधारित विज्ञापन भी शामिल होंगे. रूस द्वारा कथित तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के खबरों के चलते, दो डेमोक्रेट सीनेटर ने पिछले हफ्ते ही 'ऑनेस्ट एड्स एक्ट' बिल पेश किया है, जो फेसबुक, गूगल, ट्विटर जैसी तकनीकी कंपनियों के लिए, उनके प्लेटफार्म से खरीदे गए राजनैतिक विज्ञापनों के खुलासे को जरूरी कर देगा.

  1. ट्विटर खोलेगा ट्रांस्परेंसी सेंटर, लेबल होंगे पॉलिटिकल एड
  2. अब यूजर्स  विज्ञापनों का नेगेटिव फीडबैक भी दे सकेंगे
  3. लुक में होगा बदलाव,  आएगा पॉलिटिकल एड इंडिकेटर

अब यूजर्स विज्ञापनों का फीडबैक भी दे सकेंगे
एक पोस्ट में ट्विटर ने लिखा 'आने वाले हफ्तों में हम एक इंडस्ट्री लीडिंग ट्रांसपेरेंसी सेंटर खोलने जा रहे हैं जो सभी को यह देखने में मदद करेगा कि कौन ट्विटर पर विज्ञापन दे रहा है, उन विज्ञापन के डीटेल्स और ऐसे टूल्स देगा जो आपका फीडबैक हमसे शेयर कर सकें' यह ट्रांसपेरेंसी सेंटर ट्विटर पर उस समय चलने वाले सारे विज्ञापन बताएगा, जिसमें ‘प्रमोटेड ओनली’ विज्ञापन भी होंगे और विज्ञापन कितने समय से चल रहा है. यह भी बताया जाएगा कि आपको लक्षित किए गए विज्ञापन कौन से हैं. लोग अनुचित विज्ञापनों की भी रिपोर्ट कर सकते हैं या फिर ट्विटर पर चलने वाले किसी भी विज्ञापन का नेगेटिव फीडबैक दे सकते हैं.

ट्विटर के लुक में होगा बदलाव
ट्विटर ने कहा, “इसके लिए हमें जरूरत होगी कि विज्ञापन देने वाले हमें अपने अभियान के बारे में बताएं हम अब ट्विटर के लुक में भी बदलाव कर रहे हैं जिसमें राजनैतिक विज्ञापन इंडिकेटर भी होगा.” गौरतलब है कि ट्विटर को आलोचना के साथ-साथ उसके कई अकाउंट्स को अमरीकी कांग्रेस की उस जांच का सामना करना पड़ा था जिसमें पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के रूस के कथित प्रयासों की बात कही गई थी. कहा जा रहा है कि ट्विटर का यह कदम उस समय आया जब उसके आलोचकों ने आरोप लगाया कि उसने जांच को गंभीरता से नहीं लिया. यह भी कहा गया कि ट्विटर ने जांचकर्ताओं के लिए उपयोगी होने वाले कई ट्विट्स डिलीट कर दिए. ट्विटर ने बताया कि पहले हम अमेरिका में फिर दुनिया भर में इसे लागू करेंगे.

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