लंदन: सरकार ने तलाक प्रक्रिया में संशोधन का दिया प्रस्ताव, आसान होगी अलग होने की राह
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लंदन: सरकार ने तलाक प्रक्रिया में संशोधन का दिया प्रस्ताव, आसान होगी अलग होने की राह

 कानून मंत्री डेविड गाउके ने शनिवार को कानूनों में संशोधन के लिये एक परामर्श प्रक्रिया शुरू की जो आधुनिक जीवन से मेल नहीं खाते हैं. 

लंदन: सरकार ने तलाक प्रक्रिया में संशोधन का दिया प्रस्ताव, आसान होगी अलग होने की राह

लंदन: ब्रिटिश सरकार ‘‘नो फाल्ट’’ (कोई गलती नहीं) तलाक लागू करने और दूसरे बदलाव करने की तैयारी कर रही है जिससे विवाहितों के लिये तलाक की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके. कानून मंत्री डेविड गाउके ने शनिवार को कानूनों में संशोधन के लिये एक परामर्श प्रक्रिया शुरू की जो आधुनिक जीवन से मेल नहीं खाते हैं. 12 हफ्तों की परामर्श अवधि के बाद अगर इन्हें अपनाया जाता है तो जीवनसाथी अपने साझीदार द्वारा दायर तलाक के आवेदन को चुनौती नहीं दे सकेंगे.  यह बदलाव विषमलिंगी विवाहों, समलैंगिक विवाहों और सिविल पार्टनरशिप पर लागू होगा. 

प्रस्तावित नए कानूनों का मतलब होगा कि तलाक लेने से पहले अब कदाचरण या साथी से तयशुदा अवधि तक अलग रहने की बात साबित करने की जरूरत नहीं होगी. 

लंदन: रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा, इस वजह से ब्रिटेन में होता है तलाक
आपको बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन के एक अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि शादीशुदा जोड़े कानूनी रुप से वैवाहिक संबंध को तोड़ने के लिए जिस वजह का हवाला देते हैं उनमें "अनुचित व्यवहार" सबसे आम है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने उन मुख्य तथ्यों में बदलाव का विश्लेषण किया जिनकी वजह से पति-पत्नी तलाक के लिए याचिका देते हैं. 

ब्रिटेन में 1971 में ब्रिटेन तलाक सुधार अधिनियम, 1969 लागू हुआ था. इस कानून में शादी के संबंधों को बनाये रखने की कोई गुजाइंश नहीं बचने को तलाक का एकमात्र आधार बनाया गया था जिसे एक या एकाधिक तथ्यों को साबित कर स्थापित किया जा सकता है.  वैसे जरुरी नहीं है कि यह तथ्य संबंध विच्छेद की वजह हो. इस कानून में अलग होने के लिए "अनुचित व्यवहार" , "व्यभिचार" और "परित्याग" जैसी गलतियों को आधार बनाया गया है. 

इसके अलावा "बिना किसी गलती" के तहत अलग होने के लिए दो नए तथ्य भी हैं जिसमें दोनों पक्ष दो साल तक अलग रहे हों और तलाक के लिए राजी हों, दूसरा पांच साल तक दोनों एक दूसरे से अलग रहे हो. शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले यह उम्मीद की गयी कि बिना किसी गलती संबंधी तथ्य ज्यादातर तलाकों की वजह बनेंगे लेकिन शुरुआती तेजी के बाद यह बात साबित नहीं हो पायी.

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