दक्षिण चीन सागर से गुजरा अमेरिकी युद्धपोत, चीन ने भड़कते हुए कहा- खराब मत कीजिए रिश्ते
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दक्षिण चीन सागर से गुजरा अमेरिकी युद्धपोत, चीन ने भड़कते हुए कहा- खराब मत कीजिए रिश्ते

 यह वाकया ऐसे वक्त हुआ है, जब दोनों देशों के अधिकारी कारोबारी विवाद सुलझाने के लिए आमने-सामने बैठकर बातचीत शुरू करने वाले हैं. 

चीन ने पुष्टि के लिए अपने नौसैन्य पोत को भेजा और उसे आगाह किया गया.(फाइल फोटो)

बीजिंग: दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीप के पास से अमेरिकी युद्धपोत के गुजरने के बाद चीन ने सोमवार को अमेरिका के समक्ष सख्त राजनयिक विरोध दर्ज कराया. चीन ने कहा है कि अमेरिका को इस तरह के ‘भड़काऊ’ कदम से परहेज करना चाहिए और मौजूदा कारोबारी विवाद पर सफल वार्ता के लिए माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए. अमेरिका का निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत मैककैंपबेल दक्षिण चीन सागर में विवादित पारासेल द्वीप के पास से होकर गुजरा. यह वाकया ऐसे वक्त हुआ है, जब दोनों देशों के अधिकारी कारोबारी विवाद सुलझाने के लिए आमने-सामने बैठकर बातचीत शुरू करने वाले हैं.

दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं ने एक दूसरे के उत्पादों पर 300 अरब डॉलर से ज्यादा का आयात शुल्क लगाया है. अमेरिका प्रशांत बेड़े की प्रवक्ता रचेल मैकमार ने कहा कि समुद्री क्षेत्र को लेकर बढ़ चढ़कर किये जा रहे दावे को चुनौती देने के लिए अमेरिकी पोत नौवहन संचालन की स्वतंत्रता के तहत पारासेल द्वीपीय श्रृंखला के 12 नॉटिकल मील के दायरे से गुजरा.

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चीन तकरीबन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना हक जताता है और उसने कृत्रिम तरीके से बनाए गए द्वीप में सैन्य ठिकाना भी बनाया है. वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान दक्षिण चीन सागर पर अपना-अपना दावा करते हैं. पारसेल द्वीप पर चीन, ताइवान और वियतनाम अपना अधिकार जताते हैं.

पारासेल द्वीप के पास से होकर अमेरिकी पोत के गुजरने के बारे में प्रतिक्रिया के लिए पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि बीजिंग ने इस मुद्दे पर अमेरिका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी जहाज चीन की अनुमति के बिना इलाके से गुजरा.

चीन ने पुष्टि के लिए अपने नौसैन्य पोत को भेजा और उसे आगाह किया गया. यह पूछने पर कि क्या इस अभियान का असर दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यापार वार्ता पर पड़ेगा इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि व्यापारिक विवाद का समुचित समाधान दुनिया के लिए जरूरी है. दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वार्ता का माहौल बनाया जाए. ’’ 

इनपुट भाषा से भी 

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