Lockdown: आर्थिक संकट में ब्रिटेन की मस्जिदें, हमेशा के लिए हो सकती हैं बंद
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Lockdown: आर्थिक संकट में ब्रिटेन की मस्जिदें, हमेशा के लिए हो सकती हैं बंद

कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण नौकरीपेशा लोगों के साथ-साथ धार्मिक संस्थानों के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है.

फाइल फोटो

लंदन: कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने के लिए दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन जैसे कड़े उपायों को लागू किया गया है, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी से उतर गई है. ऐसे में नौकरीपेशा लोगों के साथ-साथ धार्मिक संस्थानों के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है. ब्रिटेन (UK) की मुस्लिम काउंसिल के महासचिव हारुन खान (Harun Khan) का कहना है कि यदि जल्दी हालात नहीं सुधरे तो देश की सभी मस्जिदों को हमेशा के लिए बंद करना पड़ सकता है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मस्जिदों को काफी नुकसान हुआ है. अधिकांश मस्जिदें चैरिटेबल संस्थानों के रूप में संचालित होती हैं. वह काफी हद तक दान पर निर्भर हैं, जिसमें भारी कमी आई है.   

यूके में मस्जिदों को सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित किया जाता है, यानी यहां आने वाले या अन्य संस्थानों द्वारा जो राशि दान स्वरुप दी जाती है, उसी से मस्जिद का कामकाज चलता है. लॉकडाउन की वजह से मस्जिद आने वाले इबादतगारों की संख्या में एकदम से कमी आई है और इस कारण दान भी नहीं मिल रहा है.  हारुन खान का यह बयान ऐसे समय आया है जब मुस्लिम समुदाय पहले से ही भारी बदलावों के बीच रमजान मनाने को लेकर चिंतित है. हारुन ने कहा कि यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय है और ऐसा रमजान फिर कभी देखने को नहीं मिलेगा. 

अब ऑनलाइन प्रार्थना
आमतौर पर रमजान के मौके पर मस्जिदों में कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इबादतगार दिन में पांच बार यहां इबादत करने आते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों के चलते मस्जिदें खाली हैं. बर्मिंघम की ग्रीन लेन मस्जिद में कल्याण सेवाओं के प्रमुख, सलीम अहमद (Salim Ahmed) ने एक मीडिया संगठन को बताया कि ‘हम सब कुछ ऑनलाइन कर रहे हैं. जैसे बच्चों की कक्षाएं लेना, प्रार्थना सभा आयोजित करना. इसके अलावा, रमजान के मौके पर छह घंटे का एक प्रोग्राम करने जा रहे हैं, जिसमें इस दौरान क्या करना है, क्या नहीं आदि बातें समुदाय के लोगों को बताई जाएंगी. साथ ही उन लोगों के लिए प्रार्थना और कुरान पाठ का लाइव प्रसारण भी होगा, जिन्हें आमतौर पर पवित्र कुरान पढ़ने के लिए मस्जिद आना पसंद है’.

सरकार ने कहा ‘शुक्रिया’
वहीं, सरकार की दैनिक ब्रीफिंग में, स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने ब्रिटिश मुस्लिम समुदाय को घर पर रहने और प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने इस संकट की घड़ी में अपने परिवार से दूर रहकर देश की सेवा करने वाले मुस्लिम स्वास्थ्य कर्मियों की भी सराहना की. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से आपने देशसेवा की है, उसके लिए आप सभी का धन्यवाद. मैं आप सभी को रमजान मुबारक कहना चाहता हूं। आपकी सेवा, नागरिकता और आपके बलिदान के लिए धन्यवाद.’

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