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लंदन: अफगानिस्तान (Afghanistan) की तालिबानी सरकार अमेरिका, ब्रिटेन सहित पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. इस सरकार से 9/11 जैसे आतंकी हमलों का खतरा भी पैदा हो गया है. ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI-5 के प्रमुख केन मैक्कलम (Ken McCallum) ने दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अलकायदा स्टाइल हमलों में तेजी आ सकती है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा दुनिया को एक नए संकट की तरफ धकेल सकता है. तालिबान के सत्ता कब्जाने से आतंकवादियों का मनोबल बढ़ा है और इसका मतलब है कि 9/11 जैसे आतंकी हमलों का खतरा बना रहेगा.
केन मैक्कलम (Ken McCallum) ने कहा कि अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान के कब्जे से आतंकियों का हौसला बढ़ा है और इसलिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. 9/11 की बरसी पर बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटेन की पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने पिछले चार साल में 31 आतंकी हमलों को नाकाम किया है. मैक्कलम ने कहा, ‘अफगानिस्तान से बड़ी चिंता यह आ रही है, आतंकी कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित होंगे और एक सुनियोजित साजिश के साथ 9/11 जैसे हमलों को अंजाम दे सकते हैं’.
उन्होंने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से रातोंरात चरमपंथियों का मनोबल बढ़ा है. इसलिए हमें सतर्क रहना होगा. प्रेरक आतंकवाद के लिए, जिसका पिछले 5-10 सालों में हमें सामना करना पड़ा है, साथ ही अलकायदा स्टाइल संभावित हमलों का भी खतरा है जो हमने कुछ सालों पहले आमतौर पर देखे. बता दें कि ब्रिटेन ने पिछले दो दशकों में इस्लामी सोच से प्रेरित चरमपंथियों के कई हमले देखे हैं. देश में सबसे घातक आतंकी हमला सात जुलाई 2005 को हुआ था जब चार आत्मघाती हमलावरों ने लंदन में मेट्रो ट्रेनों और एक बस को निशाना बनाकर 52 यात्रियों की हत्या कर दी थी.
मैक्कलम ने कहा कि ब्रिटेन के अधिकारियों ने पिछले चार वर्षों में इस्लामी और धुर दक्षिणपंथी चरमपंथियों के हमला करने संबंधी 31 षड्यंत्रों को नाकाम किया है. उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के 20 साल बाद ब्रिटेन अधिक सुरक्षित है या कम सुरक्षित है. गौरतलब है कि तालिबान की सरकार में कई ऐसे चेहरे शामिल हैं, जिन्हें दुनिया खूंखार आतंकी के तौर पर जानती है. अमेरिका को भी चिंता है कि आतंकी उसके खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच सकते हैं. यूएस एक्सपर्ट्स ने इस संबंध में सरकार को आगाह भी किया है.