सुरक्षा परिषद ने रूस के समर्थन से संघर्ष विराम पर एक प्रस्ताव को मंजूर किया जिसके तहत जरूरतमंदों को मानवीय सहायता पहुंचाने के साथ ही इलाज के लिए लोगों को निकाला जाएगा.
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संयुक्त राष्ट्र: सीरिया में विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी घौटा में सीरियाई युद्धक विमानों के हमलों में पिछले सात दिन में 500 लोगों के मारे जाने की खबर के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक सुर में सीरिया में 30 दिन के संघर्ष विराम का समर्थन किया. सुरक्षा परिषद ने रूस के समर्थन से संघर्ष विराम पर एक प्रस्ताव को मंजूर किया जिसके तहत जरूरतमंदों को मानवीय सहायता पहुंचाने के साथ ही इलाज के लिए लोगों को निकाला जाएगा. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह समझौता कब लागू होगा, लेकिन इसे अविलंब लागू करने की बात कही गई है.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि परिषद में शनिवार (24 फरवरी) को मतदान के बाद ही सीरियाई युद्धपोतों ने पूर्वी घौटा में नए हमले किए. 24 फरवरी के हमले में आठ बच्चों सहित 41 लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने सुरक्षा परिषद की, सीरिया में 30 दिन के संघर्षविराम की मांग का रविवार (25 फरवरी) को स्वागत किया और कहा कि इसे ‘‘तुरंत’’ लागू किया जाना चाहिए.
सीरिया के पूर्वी घोटा में हमले में मरने वालों की संख्या 500 के पार, 120 से अधिक बच्चे
सीरिया के पूर्वी घोटा क्षेत्र में बागियों के कब्जे वाले इलाके में पिछले सात दिन से जारी बम बारी में मरने वालों की संख्या शनिवार (24 फरवरी) को बढ़कर 500 के पार चली गयी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने संघर्षविराम पर मतदान में फिर देरी कर दी. सीरियन ऑब्जरवेटरी फोर ह्यूमन राइट्स के अनुसार मारे गये लोगों में 120 से अधिक बच्चे हैं. दमिश्क के बाहर इस क्षेत्र में पिछले रविवार को सरकार ने बमबारी शुरु की थी.
ब्रिटेन के इस संस्थान ने बताया कि शनिवार (24 फरवरी) के हवाई हमले में कम से कम 29 नागरिकों की मौत हो गयी. उनमें 17 की मौत डौमा शहर में हुई. उसने बताया कि सीरिया और रुसी सैन्यबल ये हमले कर रहे हैं. वैसे रुस ने पूर्वी घोटा में बमबारी में अपनी सीधी संलिप्तता से इनकार किया है. वह 2015 में सीरिया प्रशासन के समर्थन में सैन्य हस्तक्षेप करते हुए उतरा था.
(इनपुट एजेंसी से भी)