एंतोनियो गुतारेस ने किया आगाह, मिसाइल बनाने के मामले में संयुक्त राष्ट्र का उल्लंघन कर रहा है ईरान
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एंतोनियो गुतारेस ने किया आगाह, मिसाइल बनाने के मामले में संयुक्त राष्ट्र का उल्लंघन कर रहा है ईरान

गुतारेस ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम की विशेष रूप से शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने का ‘‘सर्वश्रेष्ठ तरीका’’ है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आगाह किया है कि परमाणु कार्यक्रम पर रोक के लिए भले ही ईरान छह विश्व शक्तियों के साथ समझौता कर चुका है लेकिन वह बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकने की संयुक्त राष्ट्र की अपील का संभवत: उल्लंघन कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र यमन में हुती शिया विद्रोहियों को बैलिस्टिक मिसाइल का ईरान द्वारा संभावित हस्तांतरण किए जाने की जांच कर रहा है. 22 जुलाई और चार नवंबर को सऊदी अरब को निशाना बनाकर दागी गई मिसाइलों में संभवत: इन्हीं का इस्तेमाल किया गया था.

जुलाई 2015 परमाणु समझौते का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के क्रियान्वयन पर रिपोर्ट ‘एपी’ को प्राप्त हुई. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने कहा कि राजदूत निक्की हेली इस रिपोर्ट के निष्कर्ष और ‘‘पश्चिम एशिया क्षेत्र और विश्व के अन्य हिस्सों में’’ ईरान की ‘‘अस्थिरता पैदा करने वाली गतिविधियों’’ को रेखांकित के लिए गुरुवार (14 दिसंबर) को वॉशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगी. रिपोर्ट में गुतारेस ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम की विशेष रूप से शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने का ‘‘सर्वश्रेष्ठ तरीका’’ है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी कानून के तहत समझौते को प्रमाणित नहीं करने के 13 अक्तूबर के निर्णय ने इसके भविष्य को लेकर ‘‘काफी अनिश्चितता पैदा कर दी’’ है, लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह फिर से भरोसा दिया गया है कि अमेरिका ने फिलहाल के लिए संयुक्त समग्र योजना में बने रहने की प्रतिबद्धता जताई है’’.

गुतारेस ने कहा, ‘‘मैं संयुक्त राष्ट्र को प्रोत्साहित करता हूं कि वह इस योजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखे और आगे कोई भी कदम उठाने से पहले क्षेत्र पर व्यापक स्तर पर पड़ने वाले इसके प्रभावों पर विचार करे. इसी तरह मैं ईरान को प्रोत्साहित करता हूं कि वह योजना के अन्य भागीदारों द्वारा उठाई चिंताओं पर सावधानीपूर्ण विचार करे.’’

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