नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस की बीच छिड़ी जंग के बीच में संयुक्त राष्ट्र महासभा की इमरजेंसी मीटिंग में UN के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि युद्ध हर हाल में बंद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रूस की ओर से यूक्रेन में सैन्य अभियान बढ़ाने से मानवाधिकारों का उल्लंघन बढ़ा है.


गुटेरेस ने रूस पर निकाली भड़ास


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उन्होंने कहा कि रूसी परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा जाना रोंगटे खड़े कर देने वाला कदम है और परमाणु युद्ध की कल्पना भी नहीं की जा सकती. उन्होंने उम्मीद जताई कि यूक्रेन और रूस के बीच वार्ता का सार्थक परिणाम लड़ाई रोकने के रूप में आएगा. गुटेरेस ने कहा, ‘हम यूक्रेन के लिए त्रासदी का सामना कर रहे हैं, साथ ही, हम सभी पर पड़ने वाले संभावित विनाशकारी प्रभाव के साथ एक बड़े क्षेत्रीय संकट का भी सामना कर रहे हैं.’


संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचलेत का कहना है कि गुरुवार से जारी इस जंग में यूक्रेन के सात बच्चों सहित 102 नागरिक मारे गए हैं और 304 अन्य जख्मी हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 4.20 लाख से ज्यादा लोग देश से बाहर चले गए हैं. बाचलेत ने सोमवार को कहा कि अधिकतर नागरिकों की मौत विस्फोटों के कारण हुई है जिनमें तोपों से की गई गोलाबारी, रॉकेट और हवाई हमले शामिल हैं.


यूक्रेन में 16 बच्चों की मौत


UNGA की इमरजेंसी मीटिंग में यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन में 16 बच्चों सहित 352 लोगों की मौत हुई है. साथ ही उनका दावा है कि मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है क्योंकि रूस की ओर से गोलाबारी अभी जारी है. उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि रूस के हमले में यूक्रेन के 16 बच्चों की मौत हो गई है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को एक वीडियो संदेश में कहा, 'कब्जा करने वालों की ओर से किए गए हर अपराध, गोलाबारी हमारे भागीदारों और हमें और भी करीब लाती है.'


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उन्होंने रूस पर पश्चिम देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की सराहना करते हुए कहा कि इन से रूसी मुद्रा गिरी है. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को तत्काल यूरोपीय संघ की सदस्यता मिलनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि 4,500 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं. उन्होंने रूसी सैनिकों से हथियार डाल देने और चले जाने का आह्वान किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, 'आप कमांडरों पर भरोसा मत करें, अपने प्रोपेगेंडा पर भरोसा न करके, बस अपनी जान बचाएं.'



रूस ने पेश की ये सफाई


रूस का दावा है कि रूसी सेना ने यूक्रेन में आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया है, हालांकि इस बात के कई सूबत हैं कि रूसी हमलों में आवासीय इमारतें, स्कूल और अस्पताल तहस-नहस हुए हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी यूक्रेनी राष्ट्रवादी समूहों के सदस्यों की ओर से नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और आबादी वाले क्षेत्रों में सैन्य उपकरण तैनात करने की वजह से नागरिकों की मौत हुई है.


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