India में सालाना हर व्यक्ति बर्बाद करता है 50 किलो Food, China इस मामले में भी है सबसे आगे
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India में सालाना हर व्यक्ति बर्बाद करता है 50 किलो Food, China इस मामले में भी है सबसे आगे

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की कार्यकारी निदेशक इंगर एडंरसन ने कहा कि यदि हमें जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैव विविधता के नुकसान और प्रदूषण जैसे संकटों से निपटने के लिए गंभीर होना है, तो दुनियाभर के लोगों को खाने की बर्बादी को रोकने में अपनी भूमिका निभानी होगी. 

फाइल फोटो

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में भारतीयों की खाना बर्बाद (Food Waste) करने की आदत को उजागर किया गया है. रिपोर्ट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं और दर्शाते हैं कि खाने की बर्बादी को रोकने के लिए अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है. रिपोर्ट बताती है कि भारत (India) में सालाना प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना बर्बाद होता है. संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया के आंकड़े भी जारी किए हैं. 2019 में दुनिया में अनुमानित रूप से 93.10 करोड़ टन खाना बर्बाद हुआ, जो वैश्विक स्तर पर कुल खाने का 17 फीसदी है.

  1. संयुक्त राष्ट्र ने जारी की फूड वेस्ट पर रिपोर्ट
  2. अमेरिका में प्रति व्यक्ति बर्बादी 59 किलो
  3. रिपोर्ट में 2019 के आंकड़ों का किया जिक्र

सबसे ज्यादा बर्बादी घरों से

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और साझेदार संगठन WRAP ने ‘खाद्यान्न बर्बादी सूचकांक रिपोर्ट 2021’ जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे एक तरफ जहां दुनिया की आबादी का एक हिस्सा भुखमरी का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ खाने की बर्बादी भी बढ़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 93 करोड़ 10 लाख टन खाना बर्बाद हुआ, जिसमें से 61 प्रतिशत खाना घरों से, 26 प्रतिशत फूड सर्विस और 13 प्रतिशत खुदरा क्षेत्र से बर्बाद हुआ. इसमें भारत की हिस्सेदारी छह करोड़ 87 लाख टन है.

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2.3 करोड़ Trucks के बराबर हुआ Waste

रिपोर्ट में कहा गया कि खाने की इतने बड़े पैमाने पर बर्बादी दर्शाती है कि कुल वैश्विक खाद्य उत्पादन का 17 प्रतिशत भाग बर्बाद हुआ होगा. एक अनुमान के मुताबिक, इसकी मात्रा 40 टन क्षमता वाले दो करोड़ 30 लाख पूरी तरह से भरे ट्रकों के बराबर है. ऐसा तब है जब हर साल 90 लाख लोगों की भुखमरी से मौत हो जाती है. यूएन का कहना है कि भारत में घरों में बर्बाद होने वाले भोजन की मात्रा प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 50 किलोग्राम के आसपास है, जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा 59 किलो है. चीन इस मामले में सबसे आगे है. वहां हर व्यक्ति साल में 64 किलो खाना बर्बाद करता है.

Andersen ने की ये अपील

UNEP की कार्यकारी निदेशक इंगर एडंरसन (Inger Andersen) ने कहा कि अगर हमें जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैव विविधता के नुकसान और प्रदूषण जैसे संकटों से निपटने के लिए गंभीर होना है, तो दुनियाभर के लोगों को खाने की बर्बादी को रोकने में अपनी भूमिका निभानी होगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2019 में 69 करोड़ लोग भूखमरी से प्रभावित थे. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते इस संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है. 

‘सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं’

रिपोर्ट में रिटेल आउटलेट्स, रेस्टोरेंट और घरों में बर्बाद होने वाले खाने का हिसाब रखा गया है. इसमें पता चला कि कुल उपभोग के लिए मौजूद भोजन में से 11 फीसदी घरों में बर्बाद हो जाता है. एडंरसन ने कहा कि खाने की बर्बादी रोकना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है और हमें पूरी ईमानदारी के साथ इसे निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सभी खाना बर्बाद न करने का प्रण लें, तो बड़ी संख्या में भूखे लोगों का पेट भरा जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इससे सामाजिक और पर्यावरणीय नुकसान होता है. साथ ही देश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. 

 

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