10 साल में 2.5 करोड़ बाल विवाह के मामलों को रोका गया: यूनिसेफ
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10 साल में 2.5 करोड़ बाल विवाह के मामलों को रोका गया: यूनिसेफ

 संस्था ने कहा कि पिछले 10 साल में दक्षिण एशिया में बाल विवाह को सबसे ज्यादा नकारा गया है. 

यूनिसेफ ने कहा कि वर्तमान में 21 फीसदी लड़कियों और चार फीसदी लड़कों की शादी उनके 18वें जन्मदिन से पहले हो जाती है.(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: बाल विवाह को वैश्विक स्तर पर नकारा जा रहा है. हाल की रिपोर्ट में इस मामले में कई देशों में काफी कमी देखी गई. यह बात यूएन चिल्ड्रन्स फंड (यूनिसेफ) ने कही. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के मुताबिक, यूनिसेफ ने कहा कि कुल मिलाकर पिछले एक दशक में 18 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं की शादी का अनुपात प्रति पांच महिलाओं में से एक से गिरकर प्रति चार में से एक का हो गया है.

  1. उप सहारा अफ्रीका में बाल विवाह पर सबसे ज्यादा लगाम लगाई गई है
  2.  नाइजर में बाल विवाह प्रथा का प्रतिशत (76) विश्व में सबसे अधिक है 
  3. बाल विवाह में केंद्रीय अफ्रीका गणतंत्र (68 प्रतिशत) और चैड (67) का स्थान है

पिछले 10 साल में बाल विवाह के कुल 2.5 करोड़ मामलों को रोका गया है.  संस्था ने कहा कि पिछले 10 साल में दक्षिण एशिया में बाल विवाह को सबसे ज्यादा नकारा गया है.  इसमें पिछले एक दशक में इसका प्रतिशत 49 से घटकर 30 फीसदी रह गया है.

यह भी पढ़ें- यूनिसेफ का दावा, भारत में बाल विवाह की संख्या में कमी आई है

उप सहारा अफ्रीका में बाल विवाह पर सबसे ज्यादा लगाम लगाई गई है, यहां 38 फीसदी महिलाओं का विवाह कम उम्र में किया जाता था जो अब घटकर 18 फीसदी रह गया है. नाइजर में बाल विवाह प्रथा का प्रतिशत (76) विश्व में सबसे अधिक है जिसके बाद केंद्रीय अफ्रीका गणतंत्र (68 प्रतिशत) और चैड (67) का स्थान है. 

दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश में बाल विवाह का प्रतिशत 59 है. यूनिसेफ ने कहा कि वर्तमान में 21 फीसदी लड़कियों और चार फीसदी लड़कों की शादी उनके 18वें जन्मदिन से पहले हो जाती है. हर साल कुछ 1.2 करोड़ लड़कियों की शागी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है. अगर यह ऐसे ही जारी रहा तो 2030 तक 15 करोड़ लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाएगी.  

(इनपुट आईएनएस से भी)

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