सीरिया: तमाम अड़चनों के बाद UN ने 30 दिवसीय संघर्षविराम प्रस्ताव किया पारित
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सीरिया: तमाम अड़चनों के बाद UN ने 30 दिवसीय संघर्षविराम प्रस्ताव किया पारित

इस सप्ताह पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके पूर्वी गूता में बमबारी शुरू हुई थी. 

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संर्घषविराम को तत्काल भाव से लागू करने का आह्वान किया था.(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया में 30 दिवसीय संघर्षविराम के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. बीबीसी के मुताबिक, 15 सदस्यीय परिषद ने शनिवार (24 फरवरी) को सीरिया के प्रभावित इलाके में सहायता पहुंचाने और मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने के पक्ष में वोट किया. 

  1. इस प्रस्ताव पर गुरुवार (22 फरवरी) से ही अड़चने आ रही थी. 
  2. विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके पूर्वी गूता में बमबारी शुरू हुई थी 
  3. सीरिया सरकार का समर्थक देश रूस इस प्रस्ताव में संशोधन की मांग कर रहा था

इस सप्ताह पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके पूर्वी गूता में बमबारी शुरू हुई थी लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि समझौते के बाद भी हवाई हमले जारी हैं.  इस प्रस्ताव पर गुरुवार (22 फरवरी) से ही अड़चने आ रही थी. सीरिया सरकार का समर्थक देश रूस इस प्रस्ताव में संशोधन की मांग कर रहा था, जिस पर पश्चिमी देशों के राजनयिकों ने उन पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें- विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में 500 की मौत, संयुक्त राष्ट्र ने किया सीरिया संघर्ष विराम का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संर्घषविराम को तत्काल भाव से लागू करने का आह्वान किया था लेकिन साथ में सीरिया द्वारा संघर्षविराम को लागू करने पर आशंका भी जताई थी. 

ब्रिटेन की मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स 
संयुक्त राष्ट्र में रूस के दूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि युद्धग्रस्त धड़ों के बीच समझौते के बगैर यह संघर्षविराम संभव नहीं होगा. ब्रिटेन की मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि परिषद में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के कुछ ही मिनटों बाद पूर्वी गूता में बमबारी हुई. 

इससे पहले संस्था ने कहा था कि रविवार (18 फरवरी) से शुरू हुई इस बमबारी में अभी तक 500 लोगों की मौत हो चुकी है.  संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेसे ने कहा था कि पूर्वी गूता में स्थिति नर्क जैसी हो गई है. 

विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में 500 की मौत
 सीरिया में विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी घौटा में सीरियाई युद्धक विमानों के हमलों में पिछले सात दिन में 500 लोगों के मारे जाने की खबर के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक सुर में सीरिया में 30 दिन के संघर्ष विराम का समर्थन किया. सुरक्षा परिषद ने रूस के समर्थन से संघर्ष विराम पर एक प्रस्ताव को मंजूर किया जिसके तहत जरूरतमंदों को मानवीय सहायता पहुंचाने के साथ ही इलाज के लिए लोगों को निकाला जाएगा. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह समझौता कब लागू होगा, लेकिन इसे अविलंब लागू करने की बात कही गई है.

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि परिषद में शनिवार (24 फरवरी) को मतदान के बाद ही सीरियाई युद्धपोतों ने पूर्वी घौटा में नए हमले किए. 24 फरवरी के हमले में आठ बच्चों सहित 41 लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने सुरक्षा परिषद की, सीरिया में 30 दिन के संघर्षविराम की मांग का रविवार (25 फरवरी) को स्वागत किया और कहा कि इसे ‘‘तुरंत’’ लागू किया जाना चाहिए.

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