अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने मतदान से पहले महासभा में कहा था कि इससे इतिहास बन सकता है और हमास के खिलाफ बिना शर्त के बोला जा सकता है जो दुनिया में आतंकवाद का सबसे ज्यादा प्रकट और भद्दा विषय है.
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संयुक्त राष्ट्र : अमेरिका प्रायोजित एक मसौदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में जरूरी दो-तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर सका जिसमें पहली बार गाजा के इस्लामी आतंकी संगठन हमास की निंदा की गई थी.
निकी हेली ने दिया था महासभा में बयान
अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने मतदान से पहले महासभा में कहा था कि इससे इतिहास बन सकता है और हमास के खिलाफ बिना शर्त के बोला जा सकता है जो दुनिया में आतंकवाद का सबसे ज्यादा प्रकट और भद्दा विषय है.
33 सदस्यों ने नहीं लिया था भाग
लेकिन हमास के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर मतदान में 57 के मुकाबले 87 वोट ही मिले जो जरूरी दो-तिहाई बहुमत से कम हैं. 33 सदस्य देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने इजरायल-फलस्तीन विवाद को लेकर इसी साल जून में एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में गाजा पट्टी पर हो रही हिंसा के लिए फलस्तीनी संगठन हमास को जिम्मेदार ठहराया गया था. अमेरिका ने अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल कर इस प्रस्ताव को पास होने से रोक दिया था. दूसरी ओर अमेरिका के प्रस्ताव के विपक्ष में तीन वोट पड़े और 11 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया था.