डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) समर्थकों पर हिंसा भड़काने और गलत जानकारी फैलाने का आरोप है. हालांकि, समर्थकों ने अपनी बात को कहने के लिए स्थानीय न्यूज चैनल का सहारा लिया और अब दुनिया तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वो वैकल्पिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हैं.
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वॉशिंगटन: अमेरिका के कैपिटल हिल (Capitol hill) में हिंसा के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थकों के खिलाफ फेसबुक (Facebook) और ट्विटर (Twitter) ने कार्रवाई की थी. दोनों कंपनियों ने ट्रंप समर्थकों के अकाउंट को बैन किया हुआ है.
ट्रंप समर्थकों पर हिंसा भड़काने और गलत जानकारी फैलाने का आरोप है. हालांकि, समर्थकों ने अपनी बात को कहने के लिए स्थानीय न्यूज चैनल का सहारा लिया और अब दुनिया तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वो वैकल्पिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हैं.
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शोधकर्ता निक बैकोविक ने कहा कि Gab, MeWe, Telegram, Discord और कुछ अन्य ऐप्स ने ट्विटर, फेसबुक, मैसेंजर की जगह ली है. ट्रंप समर्थक पहले से ही वैकल्पिक प्लेटफार्म पर थे. उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्विटर ने लंबे समय से अकाउंट्स को बैन किया हुआ है.
बता दें कि ट्रंप समर्थकों पर 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हिंसा फैलाने का आरोप है. इसके बाद से फेसबुक और ट्विटर की ओर से ट्रंप समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. फेसबुक ने करीब 900 अकाउंट को बंद किया है तो ट्विटर ने 70 हजार अकाउंट को ब्लॉक किया है.
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6 जनवरी को अमेरिकी संसद के दोनों सदन में इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती हो रही थी. इस दौरान ट्रंप के हजारों समर्थक संसद के बाहर जुट गए. नेशनल गार्ड्स और पुलिस ने समर्थकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ समर्थक कैपिटल बिल्डिंग के अंदर घुस गए और तोड़फोड़ की.
हिंसा के बाद ट्विटर ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया. ट्विटर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट्स की समीक्षा करने के बाद हमने अकाउंट को सस्पेंड करने का फैसला लिया. ट्विटर का ये फैसला ट्रंप समर्थकों के लिए बड़ा झटका था. बता दें कि कई सांसद ट्रंप के ट्विटर अकाउंट को बंद करने की मांग करते आए हैं.