अमेरिका ने कहा, वैश्विक परमाणु हथियार निषेध संधि पर हस्ताक्षर करने की योजना नहीं
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अमेरिका ने कहा, वैश्विक परमाणु हथियार निषेध संधि पर हस्ताक्षर करने की योजना नहीं

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह संधि दुनिया को ज्यादा शांतिपूर्ण नहीं बनाएगी, इससे एक भी परमाणु हथियार का उन्मूलन नहीं होगा और न ही इससे किसी देश की सुरक्षा बढ़ेगी.' 

परमाणु हथियारों को दुनिया से समाप्त कर, इसे इतिहास बनाने का प्रयास करने वाले आईकैन को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है. (Reuters/6 Oct, 2017)

वॉशिंगटन: इस साल नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले संस्थान द्वारा समर्थित परमाणु हथियार निषेध संधि पर अमेरिका का कहना है कि उसका इसपर हस्ताक्षर करने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि उसने ‘परमाणु नि:शस्त्रीकरण के लिए वातावरण’ तैयार पर अपनी प्रतिबद्धता जतायी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एएफपी को बताया, 'आज की घोषणा से संधि पर अमेरिका के रुख में बदलाव आएगा. अमेरिका इसका समर्थन नहीं करता है और वह 'परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि' पर हस्ताक्षर नहीं करेगा.’’ प्रवक्ता ने कहा, 'यह संधि दुनिया को ज्यादा शांतिपूर्ण नहीं बनाएगी, इससे एक भी परमाणु हथियार का उन्मूलन नहीं होगा और न ही इससे किसी देश की सुरक्षा बढ़ेगी.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्व में परमाणु हथियार से लैस देशों में से किसी ने भी इस संधि का अभी तक समर्थन नहीं किया है.

परमाणु हथियारों को दुनिया से समाप्त कर, इसे इतिहास बनाने का प्रयास करने वाले इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपंस (आईकैन) को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है. इस साल जुलाई महीने में संयुक्त राष्ट्र में 122 देशों द्वारा इस संधि को स्वीकार करने में इस संगठन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह संधि बड़े पैमाने पर प्रतीकात्मक ही थी क्योंकि परमाणु हथियार रखने वाले या संदिग्ध नौ देशों-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राइल और उत्तर कोरिया ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए थे.

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय परमाणु हथियार उन्मूलन अभियान (आईसीएएन) को शुक्रवार (6 अक्टूबर) को 2017 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गयी. आईसीएएन एक अंतरराष्ट्रीय संधि आधारित प्रतिबंध के जरिये परमाणु हथियारों को मिटाने के अभियान में लगा हुआ है. नार्वे की नोबेल समिति की प्रमुख बेरिट रीज एंडरसन ने एक घोषणा में कहा कि जिनिवा स्थित समूह आईसीएएन को 11 लाख डॉलर इनामी राशि वाला पुरस्कार दिया गया क्योंकि वह ‘परमाणु हथियारों की निंदा, उनपर प्रतिबंध लगाने तथा उन्हें मिटाने की कोशिशों के लिए सहयोग करने का संकल्प लेने की खातिर दुनिया भर के देशों को प्रेरित करता रहा है.’ उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को प्रतिबंधित करने वाली संधि पर संयुक्त राष्ट्र की बातचीत के लिए अपने प्रेरक एवं नवोन्मेषी समर्थन के जरिये आईसीएएन ने एक बड़ी भूमिका निभायी है.

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