यूएनएससी ने महासभा के अधिकार को किया नजरंदाज : भारत
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यूएनएससी ने महासभा के अधिकार को किया नजरंदाज : भारत

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिकार को नजरंदाज करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना करते हुए भारत ने कहा है कि इस 15 सदस्यीय संस्था को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को उत्पन्न खतरों के संबंध में अपनी क्षमता को बार-बार परिभाषित करने की कोशिश पर रोक लगानी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिकार को नजरंदाज करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना करते हुए भारत ने कहा है कि इस 15 सदस्यीय संस्था को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को उत्पन्न खतरों के संबंध में अपनी क्षमता को बार-बार परिभाषित करने की कोशिश पर रोक लगानी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में प्रथम सचिव देवेश उत्तम ने कहा, ‘पिछले कुछ साल से कई बार देखा गया है कि महासभा के विशेषाधिकार और शक्तियों को सुरक्षा परिषद ने नजरंदाज किया।’

‘महासभा की भूमिका और अधिकार’ पर तदर्थ कार्यकारी समूह की एक बैठक में उन्होंने कहा, ‘परिषद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे के संबंध में व्यापक और अनुमोदक व्याख्याओं के जरिए अपनी क्षमता को परिभाषित करने के बार-बार के प्रयास पर रोक लगानी चाहिए। इसके अलावा ऐसे मुद्दों पर भी जिनके बारे में स्पष्ट है कि वह महासभा या आर्थिक और सामाजिक परिषद के दायरे में आते हैं।’

उत्तम ने कहा कि भारत का मानना है कि 193 सदस्यीय महासभा में फिर से केवल तब जान फूंकी जा सकती है, जब संयुक्त राष्ट्र की मुख्य विचारात्मक, निर्णायक और प्रतिनिधि इकाई के तौर पर इसका पूरा सम्मान हो और यह समकालीन हकीकत से कदमताल करता हो।

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