अमेरिका की अदालत (US Court) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा H-1B Visa पर लगाए गए प्रतिबंधों को निर्णय को पलट दिया है. भारतीय प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत मिली है.
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नई दिल्ली: अमेरिका (America) में काम करने वाले भारत के टेक प्रोफेशनल्स (Tech Professional) के लिए राहत भरी खबर है. अक्टूबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन द्वारा H-1B वीजा (Visa H-1B) कार्यक्रम में किए गए बदलाव को अमेरिकी कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही भारतीय कुशल कारीगर यानी प्रोफेशनल्स अब अमेरिका में पहले की ही तरह काम कर सकेंगे.
क्या है मामला
कोरोना वायरस (Coronavirus) आने क बाद इस साल अक्टूबर में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (Donald Trump) ने H-1B वीजा कार्यक्रम में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया. इस निर्णय के पीछ ट्रंप प्रशासन का मानना था कि कोरोना के कारण बहुत सारे अमेरिकियों की नौकरी गई है तो बाहर से आने वाले लोगों को रोक कर स्थानीय लोगों को वो नौकरी दी जा सकती हैं. इसी मंशा से विदेशी प्रोफेशनल्स की भर्ती करने वाली कंपनियों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दीं. नए नियम इतने सख्त थे कि करीब एक-तिहाई आवेदकों को H-1B वीजा नहीं मिल पाता. अब सत्ता बदलने के बाद ट्रंप (Donald Trump) के इस आदेश को भी बदल दिया गया है.
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इतने लोगों पर पड़ता असर
बता दें, अमेरिका की सरकार हर वर्ष बाहर से आने वाले तमाम क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए 85 हजार H-1B वीजा जारी करती है. इनमें आईटी प्रोफेशनल्स की संख्या सबसे अधिक है. अमेरिका में फिलहाल करीब 6 लाख H-1B वीजा होल्डर काम कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर भारत (India) के हैं. दूसरे नंबर पर चीन (China) के कामगार हैं.
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क्या कहा कोर्ट ने
कैलिफोर्निया (California) के डिस्ट्रिक्ट जज जेफेरी व्हाइट ने H-1B वीजा पर ट्रंप के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि सरकार ने यह निर्णय लेते हुए पूरी तरह पारदर्शिता की प्रक्रिया का पालन नहीं किया. सरकार द्वारा कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण गई लोगों की नौकरियों की वजह से निर्णय लेने की दलील पूरी तरह गलत है. जस्टिस जेफेरी ने कहा, 'कोविड-19 ऐसी महामारी है जो किसी के वश में नहीं है, लेकिन इस मामले में और सचेत होकर कार्रवाई की जा सकती थी.'