वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह 12 दिनों के भीतर फैसला करेंगे कि अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से अलग होगा या नहीं. ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उन दावों के बाद यह बयान दिया है, जिसमें नेतन्याहू ने ईरान पर आरोप लगाया है कि तेहरान ने दुनिया की नजरों से छिपकर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की.


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इजरायली पीएम ने दिया साक्ष्य का हवाला
सीबीएस न्यूज के मुताबिक, नेतन्याहू ने सोमवार(30 अप्रैल) को कहा कि उनके पास ईरान के खुफिया परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर साक्ष्य हैं. इजरायली प्रधानमंत्री ने ट्रंप को 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के लिए ठोस वजह दे दी है. इस समझौते के तहत ईरान खुद पर लगाए गए प्रतिबंधों के बदले में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को बंद करने पर सहमत हो गया था लेकिन नेतन्याहू का कहना है कि ईरान ने असल में अपना परमाणु कार्यक्रम रोका ही नहीं.


ईरान पर लगाए गंभीर आरोप!
नेतन्याहू ने कहा, "मैं आपको एक बात बताने आया हूं. ईरान ने झूठ बोला है." नेतन्याहू ने लाइव पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार को हजारों की संख्या में दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चला है कि ईरान समझौते के बाद भी परमाणु कार्यक्रमों में संलिप्त था. उन्होंने कहा, "इन फाइलों में तमाम चीजें हैं, दस्तावेज, प्रेजेंटेशन, ब्लूप्रिंट, वीडियो और भी बहुत कुछ हैं जो ईरान के दोष को सिद्ध करते हैं."


यरुशलम में अमेरिकी दूतावास स्थानांतरित करने की घोषणा 
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना के बाद भी ट्रंप ने बीते साल 6 दिसंबर में यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर प्रमाणित करते हुए अमेरिकी दूतावास को वहां स्थानांतरित करने की घोषणा की थी. अमेरिकी दूतावास को यरुशलम ले जाने के लिए 14 मई 2018 की तारीख तय की गई थी. इस दिन इजरायल का स्वतंत्रता दिवस है.