नई दिल्ली: अमेरिका के फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US FDA) ने शुक्रवार को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी. कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज में इस्तेमाल की जा रही ये वो दवा है जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) लगातार और मजबूती के साथ पैरवी करते रहे हैं. 


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एफडीए ने कहा कि उन्हें HCQ और क्लोरोक्विन के उपयोग के बारे में पहले से पता था, मलेरिया की दवाएं दिल की धड़कनों में अनियमितता और हृदय गति को खतरनाक रूप से बढ़ा सकती हैं.


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एफडीए आयुक्त स्टीफन एम. हाहन का कहना है कि, 'जहां COVID-19 के लिए जब इन दवाओं की सुरक्षा और प्रभावशीलता को निर्धारित करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं, तो इन दवाओं के ज्ञात साइड इफैक्ट्स को भी ध्यान में रखना चाहिए. हम चाहते हैं कि स्वास्थ्यकर्मी हर एक मरीज को बारीकी से मॉनीटर करें जिससे इन खतरों को कम किया जा सके. एफडीए इन संभावित खतरों की निगरानी और जांच करना जारी रखेगा और अधिक जानकारी उपलब्ध होने पर सार्वजनिक रूप से बात करेगा.'


एफडीए की घोषणा के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में कहा, 'आप इसपर दोनों तरह की बातें सुनते हैं.'


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ट्रंप ने कहा, 'मैं डॉक्टर नहीं हूं. इसपर एक अध्ययन किया जाना है. अगर इससे कोई मदद मिलती है तो अच्छा है. अगर ये काम नहीं करता, तो इसे मत करो.' 


आपको बता दें कि ट्रंप ने क्लोरोक्वीन के उपयोग का बड़ी मजबूती के साथ समर्थन किया था, जबकि उनके दावों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त अध्ययनों की कमी थी. उन्होंने COVID -19 के इलाज के लिए इस दवा को 'ईश्वर का तोहफा' और 'गेम-चेंजर' बताया था.


कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने के लिए अमेरिकी एजेंसी के प्रमुख डॉ. रिक ब्राइट ने बुधवार को कहा कि ट्रंप द्वारा प्रचारित क्लोरोक्विन के उपयोग का विरोध करने के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.


हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए अब तक के सबसे बड़े अध्ययन के नतीजों में कहा गया है कि इस दवा ने वायरस पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं दिखाया है, और वास्तव में अधिक मौतें हुई हैं.


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