कैलिफोर्निया के स्कूली सिलेबस से भारतीय-अमेरिकी नाराज़, किताबों में हिंदुत्व और भारत की निगेटिव छवि
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कैलिफोर्निया के स्कूली सिलेबस से भारतीय-अमेरिकी नाराज़, किताबों में हिंदुत्व और भारत की निगेटिव छवि

कैलिफोर्निया के प्रस्तावित स्कूली पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व एवं भारत के नकारात्मक चित्रण को लेकर भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने रोष प्रकट किया है. हिंदू एजुकेशन फाउंडेशन यूएसए (एचईएफ) के निदेशक शांताराम नेक्कर ने कहा, ‘यह निराशाजनक है कि हिंदू-अमेरिकी समुदाय द्वारा एक दशक से जागरूकता फैलाने के बावजूद पाठ्यपुस्तकों विशेषकर ह्यूटन मिफलिन हारकोर्ट (एचएमएच), मैकग्रॉ-हिल डिस्कवरी और नेशनल ज्योग्राफिक भारतीय सभ्यता के चित्रण के लिये शोधकर्ताओं के कथन का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं.’ 

कैलिफोर्निया राज्य ने अपने शासनादेश में कहा था कि पाठ्यपुस्तक डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन द्वारा तैयार प्रारूप के आधार पर होना चाहिए. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: कैलिफोर्निया के प्रस्तावित स्कूली पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व एवं भारत के नकारात्मक चित्रण को लेकर भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने रोष प्रकट किया है. हिंदू एजुकेशन फाउंडेशन यूएसए (एचईएफ) के निदेशक शांताराम नेक्कर ने कहा, ‘यह निराशाजनक है कि हिंदू-अमेरिकी समुदाय द्वारा एक दशक से जागरूकता फैलाने के बावजूद पाठ्यपुस्तकों विशेषकर ह्यूटन मिफलिन हारकोर्ट (एचएमएच), मैकग्रॉ-हिल डिस्कवरी और नेशनल ज्योग्राफिक भारतीय सभ्यता के चित्रण के लिये शोधकर्ताओं के कथन का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं.’ 

नेक्कर ने यह टिप्पणी गुरुवार (18 मई) को सैक्रामेंटो में कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन (सीडीई) की ओर से आयोजित एक जनसभा के दौरान की. गत कई वर्ष से भारतीय-अमेरिकी समुदाय पाठ्यपुस्तकों में हिंदुत्व को लेकर कई अशुद्धियों एवं मिथकों को हटाने के लिये संघषर्रत है. कैलिफोर्निया राज्य ने अपने शासनादेश में कहा था कि पाठ्यपुस्तक डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन द्वारा तैयार प्रारूप के आधार पर होना चाहिए. कई शिक्षाविदों एवं समूहों द्वारा ‘भारत’ के स्थान पर ‘दक्षिण एशिया’ करने के प्रयास समेत पिछले साल कई विवादों के बीच यह खाका संशोधित किया गया था.

गत दो वर्ष से विभाग ने योग एवं धर्म, व्यास ऋषि एवं वाल्मीकि ऋषि तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीय उपलब्धियों जैसी हिंदू विचारधाराओं का उल्लेख करते हुए शोधार्थियों, छात्रों और समुदाय के सदस्यों से प्राप्त सूचना के आधार पर इसकी रूपरेखा में कई नयी जानकारियां शामिल की थीं. हिंदू समूहों ने इस बात का उल्लेख किया कि पाठ्यपुस्तक के मसौदों में इनमें से कई बदलाव परिलक्षित नहीं होते हैं.

सैन जोस से ताल्लुक रखने वाले शरत जोशी ने कहा, ‘हिंदुत्व के नकारात्मक चित्रण से हिंदू बच्चों के कक्षाओं में अपमान झेलने के कई मामले सामने आये हैं.’ इसकी मंजूरी के लिये डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन इस साल के आखिर में स्टेट बोर्ड ऑफ एजुकेशन (एसबीई) को अपनी सिफारिशें भेजेगा. बोर्ड द्वारा अनुशंसित पाठ्यपुस्तकों को अगले साल के शुरू में स्कूलों द्वारा अंगीकृत किये जाने की संभावना है.

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