अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि देश में पिछले साल हुए आम चुनाव में उनकी प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन यदि जीत दर्ज करती तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अधिक खुश होते क्योंकि ऐसा होने से अमेरिका कमजोर हो गया होता. जी20 शिखर सम्मेलन के इतर जर्मनी के हैमबर्ग में पुतिन के साथ पिछले सप्ताह हुई पहली बैठक के बाद पहला बड़ा इंटरव्यू देते हुए ट्रंप ने कहा कि वह और उनके रूसी समकक्ष दोनों अपने-अपने देशों के हितों की सुरक्षा कर रहे हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर दोनों के बीच सहयोग की गुंजाइश है.
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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि देश में पिछले साल हुए आम चुनाव में उनकी प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन यदि जीत दर्ज करती तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अधिक खुश होते क्योंकि ऐसा होने से अमेरिका कमजोर हो गया होता. जी20 शिखर सम्मेलन के इतर जर्मनी के हैमबर्ग में पुतिन के साथ पिछले सप्ताह हुई पहली बैठक के बाद पहला बड़ा इंटरव्यू देते हुए ट्रंप ने कहा कि वह और उनके रूसी समकक्ष दोनों अपने-अपने देशों के हितों की सुरक्षा कर रहे हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर दोनों के बीच सहयोग की गुंजाइश है.
पुतिन को नहीं पंसद ट्रंप की यह बात
उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे शक्तिशाली हमारा देश है. हम और अधिक शक्तिशाली हो रहे हैं क्योंकि मैं सैन्य शक्ति को प्राथमिकता देता हूं. उदाहरण के तौर पर, यदि हिलेरी जीती होती तो हमारी सेना नष्ट हो गई होती. हमारी ऊर्जा बहुत अधिक महंगी होती. पुतिन को मेरी यह बात पसंद नहीं. इसलिए मैं कहता हूं कि वह मुझे क्यों पसंद करेंगे? मैं पहले ही दिन से मजबूत सेना चाहता हूं और वह ऐसा देखना नहीं चाहते.
मिलकर कर सकते हैं काम
इसके बाद ट्रंप ने कहा कि मैं पहले ही दिन से ऊर्जा की कीमत कम करना चाहता हूं और बड़ी मात्रा में इसका निर्माण करना चाहता हूं. हम आत्मनिर्भर होंगे और ऊर्जा निर्यात करेंगे. वह यह नहीं चाहते. वह (पुतिन) वे चीज चाहते हैं जो रूस के लिए अच्छी है और मैं अमेरिका की बेहतरी चाहता हूं. मेरा मानना है कि सीरिया जैसे मामले में हम मिलकर काम कर सकते हैं. इसके अलावा हम और भी कई मामलों पर मिलकर काम कर सकते हैं.
अच्छी रही बैठक
उन्होंने पुतिन के साथ हुई उनकी बैठक के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कभी-कभी आपकी किसी बात पर सहमति नहीं बनती और कभी-कभी सहमति बनेगी लेकिन हमारी बैठक अच्छी रही. यह दो घंटे 15 मिनट तक चली. हर कोई इस बात से हैरान था कि बैठक इतनी लंबी चली लेकिन यह बुरी नहीं बल्कि अच्छी बात है.