CIA की चेतावनी, पाकिस्तान आतंकी ठिकाने नष्ट करे नहीं तो अमेरिका करेगा
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CIA की चेतावनी, पाकिस्तान आतंकी ठिकाने नष्ट करे नहीं तो अमेरिका करेगा

सीआईए के पूर्व निदेशक लियोन पनेटा ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से एक समस्या रहा है.

सीआईए निदेशक माइक पोम्पेव. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ आतंकवादियों को इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की नीति नहीं बदली है और वहां आतंकवादी पनाहगाहों की खत्म करने के लिए वॉशिंगटन हरसंभव कदम उठाएगा. सीआईए निदेशक माइक पोम्पेव ने कैलीफोर्निया में सप्ताहांत में रीगन नेशनल डीफेंस फोरम से कहा कि यह संदेश रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस को पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं के साथ अपनी मुलाकात में उन्हें देने की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘...यह सुनिश्चित करने के लिए हम हर चीज करने जा रहे हैं कि सुरक्षित पनाहगाह (आतंकवादियों के) अब नहीं रहेंगे.’’ वहीं, सीआईए के पूर्व निदेशक लियोन पनेटा ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से एक समस्या रहा है.

  1. मैटिस मिस्र, जॉर्डन, कुवैत और पाकिस्तान के पांच दिन के दौरे पर हैं.
  2. आतंकी हाफिज सईद को हाल ही में पाकिस्तान कोर्ट ने रिहा किया है.
  3. आतंकी हाफिज सईद पर अमेरिका ने 1 करोड़ का ईनाम रखा है.

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों के लिए यह एक सुरक्षित पनाहगाह है जो सीमा पार करते हैं, अफगानिस्तान में हमले करते हैं और फिर वापस पाकिस्तान में जाते हैं. हमने पाकिस्तान को समझाने की हर संभव कोशिश की है. लेकिन पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है. पनेटा ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के पास इस तरह का दोहरा मानदंड है. एक ओर तो वे आतंकवाद को पसंद नहीं करते, वहीं दूसरी ओर वे अफगानिस्तान और भारत से निपटने में आतंकवादियों का इस्तेमाल करने में कुछ नहीं सोचते. उनकी यही नीति है. उन्होंने कहा कि इसलिए पाकिस्तान हमेशा से एक सवालिया निशान रहा है.

अमेरिका ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान नहीं कर रहा सहयोग

इससे पहले अमेरिका की दक्षिण एशिया रणनीति के तहत आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान के सहयोग से अमेरिका संतुष्ट नहीं है और उसे अब भी यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को ‘रोकने’ के लिये कोई कदम उठा रहा है. ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. मुंबई-आतंकवादी हमले के आरोपी हाफिज सईद की रिहाई को उन्होंने इस दिशा में एक ‘एक कदम पीछे’ बताया. अधिकारी ने कहा कि पांच साल हक्कानी नेटवर्क के बंधक बने रहे कोलमैन परिवार का पाकिस्तान के भीतर से रिहा होना, पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के सहयोग का कोई ‘संकेत’ नहीं है.

अक्तूबर में अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने कतलान कोलमैन, उनके पति जोशुआ बॉयल और उनके तीन बच्चों को रिहा कराया था. अफगान तालिबान से संबद्ध आतंकवादियों ने पांच साल पहले अफगानिस्तान की सीमा से लगी कुर्रम घाटी से इन सभी का अपहरण कर लिया था. अधिकारी ने बताया, ‘कूटनीतिक दबाव के साथ खुफिया एजेंसियों के अनवरत काम के चलते कोलमैन परिवार रिहा हो पाया. इसलिए मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह कार्य इस दिशा में (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अगस्त में घोषित दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान द्वारा किया गया कार्य) एक कदम आगे है.’

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