'दक्षिण चीन सागर में बीजिंग को चुनौती देता रहेगा अमेरिका'
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'दक्षिण चीन सागर में बीजिंग को चुनौती देता रहेगा अमेरिका'

विवादित पारासेल द्वीप समूह के एक द्वीप पर अमेरिका के दो युद्धपोतों के आने के बाद 27 मई को चीन ने इस पर ‘‘कड़ा असंतोष’’ जताया था.

'दक्षिण चीन सागर में बीजिंग को चुनौती देता रहेगा अमेरिका'

अमेरिकी सैन्य विमान से: अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने बुधवार (30 मई) को कहा कि उनका देश दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों को लेकर उसे चुनौती देता रहेगा. चीन ने दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों पर अपनी अहम सैन्य मौजूदगी बना ली है. विवादित पारासेल द्वीप समूह के एक द्वीप पर अमेरिका के दो युद्धपोतों के आने के बाद रविवार (27 मई) को चीन ने इस पर ‘‘कड़ा असंतोष’’ जताया था. इसके बाद मैटिस ने यह टिप्पणी की. मैटिस ने हवाई जाते हुए विमान में पत्रकारों से कहा, ‘‘आप देखेंगे कि केवल एक देश है जो ऐसे अभियानों को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाते हुए दिख रहा है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र है और कई देश नौवहन की स्वतंत्रता चाहते हैं इसलिए हम यह करते रहेंगे.’’

  1. चीन दक्षिण चीन सागर के तकरीबन पूरे हिस्से पर अपना दावा जताता है, 
  2. लेकिन वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ताइवान कई हिस्सों पर दावा करते हैं.
  3. अमेरिका दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों पर चीन के दावों को खारिज करता है.

अमेरिकी नौसेना विवादित समुद्री क्षेत्र में समय-समय पर ‘‘नौवहन की स्वतंत्रता’’ का अभियान चलाती रहती है. अमेरिका दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों पर चीन के दावों को खारिज करता है. मैटिस ने कहा, ‘‘हम लीक से हटकर प्रशांत देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं और इस तरीके से हम दुनिया में काम करते हैं लेकिन हम उन मामलों को चुनौती भी देते रहेंगे जो हमे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून से इतर हैं.’’ रक्षा मंत्री अमेरिकी सेना की प्रशांत कमान के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हवाई जा रहे हैं. इसके बाद उन्हें सिंगापुर में एक क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन में भी भाग लेना है.

चीन से बिगड़े हालात पर US ने कहा, 'प्रशांत देशों के साथ रिश्तों को बेहतर करने की कोशिश'

वहीं दूसरी ओर अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि प्रशांत देशों के साथ सहयोग करने के लिए अमेरिका और अधिक प्रयास कर रहा है. अमेरिका ने दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री युद्ध अभ्यास में भाग लेने के लिए चीन को जो निमंत्रण दिया था, उसे वापस ले लिया. इसके बाद मैटिस ने यह टिप्पणी की है. स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता जताते हुए पेंटागन ने हाल में कहा कि दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों का चीन द्वारा लगातार सैन्यीकरण करने से केवल तनाव बढ़ता है और क्षेत्र में ‘‘अस्थिरता’’ पैदा होती है.

हवाई में अमेरिकी प्रशांत कमान के मुख्यालय के रास्ते में मैटिस ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम प्रशांत देशों के साथ परिपाटी से हटकर सहयोग कर रहे हैं. दुनिया में काम करने का हमारा यह तरीका है.’’ उन्होंने चीन से निमंत्रण वापस लेने के पेंटागन के हाल के फैसले पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अगर हमें ऐसा लगता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हो रहा है, किसी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरणों के फैसले का उल्लंघन हो रहा है तो हम उसका विरोध करेंगे. इसी क्रम में हम प्रशांत क्षेत्र में बहुत ही पारदर्शी सैन्य गतिविधि कर रहे हैं.’’

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