अमेरिका-ब्रिटेन ने UNSC में हांगकांग सुरक्षा कानून पर चिंता जताई, चीन ने कहा- दोनों देश रखें अपने काम से काम
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अमेरिका-ब्रिटेन ने UNSC में हांगकांग सुरक्षा कानून पर चिंता जताई, चीन ने कहा- दोनों देश रखें अपने काम से काम

अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)में हांगकांग पर चीन की ओर से थोपे जा रहे सुरक्षा कानून पर चिंता जताई.  सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने शुक्रवार को हांगकांग के मुद्दे पर वर्चुअल मीटिंग की.

हांगकांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने अनौपचारिक वर्चुअल मीटिंग की.

नई दिल्ली : अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)में हांगकांग पर चीन की ओर से थोपे जा रहे सुरक्षा कानून पर चिंता जताई.  सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने शुक्रवार को हांगकांग के मुद्दे पर वर्चुअल मीटिंग की. यह मीटिंग तब हुई जब चीन ने अमेरिका की औपचारिक बातचीत की मांग ठुकरा दी थी. अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि क्या हम हांगकांग में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कोई कदम उठाने जा रहे हैं या फिर हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की इजाजत दे रहे हैं. ब्रिटेन के कार्यवाहक राजदूत जोनाथन एलन ने कहा कि चीन की ओर से थोपा गया यह कानून स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन करता है. हम इस मुद्दे पर काफी गंभीर हैं.  

  1. हांगकांग को लेकर चीन ने पास किया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
  2. अमेरिका और ब्रिटेन ने जताई गहरी चिंता
  3. रूस ने किया चीन का समर्थन
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इस पर चीन ने नाराजगी जताते हुए अमेरिका की आलोचना की और वहां अश्वेत लोगों की हत्या के मुद्दे को उठाया. रूस ने भी हांगकांग के मुद्दे को उठाए जाने पर नाराजगी जताई. रूस के उप राजदूत ने मीटिंग के बाद ट्विटर पर लिखा कि  हांगकांग में शांति व्यवस्था की बहाली के लिए अमेरिका चीन के अधिकारों की क्यों आलोचना कर रहा है. चीन के राजदूत ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन को अपने काम से मतलब रखना चाहिए. हांगकांग को लेकर चीन के आंतरिक काम में दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

गौरतलब है कि चीन की संसद ने हांगकांग (Hong Kong) में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने को मंजूरी दे दी है. चीन ने यह फैसला पिछले साल हांगकांग में हुई हिंसा के मद्देनजर लिया है. चीनी सरकार चाहती है कि उसके खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबा दिया जाए, इसलिए उसने नए कानून के जरिये हांगकांग के प्रदर्शनकारियों को कमजोर करने का प्रयास किया है. 

चीनी संसद ने लगभग सर्वसम्मिति से इस प्रस्ताव को पारित किया. चीन के इस नए कानून में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध-प्रदर्शन जैसे गतिविधियों को रोकने का प्रावधान होगा. इसके अलावा, अब चीनी सुरक्षा एजेंसियां हांगकांग में काम भी कर पाएंगी. मौजूदा व्यवस्था के तहत उन्हें इसकी इजाजत नहीं है. साथ ही चीन के राष्ट्रगान का अपमान करना भी अपराध के दायरे में आ जाएगा. बीजिंग की यह कवायद एक तरह से हांगकांग के अर्ध-स्वायत्त दर्जे को समाप्त करने के लिए है.  अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और आस्ट्रेलिया ने गुरुवार को हांगकांग पर चीन की ओर से थोपे जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रति गहरी चिंता जताई थी.

(इनपुट : एएनआई)

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