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वॉशिंगटन: अफगानिस्तान (Afghanistan) में काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर 9 सितंबर से विदेशी उड़ानों का सिलसिला फिर से शुरू हो गया. कतर एयरवेज (Qatar Airways) का एक प्लेन गुरुवार को पहले काबुल एयरपोर्ट पहुंचा और वहां से अफगानिस्तान में फंसे हुए अमेरिकी नागरिकों को निकालकर ले गया. अमेरिका के मुताबिक, अबतक अमेरिकी सरकार अफगानिस्तान में फंसे 6 हजार से ज्यादा अमेरिकियों को निकाल चुकी है. आने वाले दिनों में भी अमेरिकी सरकार तालिबान की मदद से बचे हुए अमेरिका और नाटो देशों के नागरिकों को निकालेगी.
इस सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस (White House) का एक ऐसा बयान सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. कतर एयरवेज की मदद से अमेरिकी नागरिकों को अफगानिस्तान से एयरलिफ्ट करने पर अमेरिकी सरकार का कहना है कि अफगानिस्तान पर बंदूक के दम पर कब्जा करने वाले तालिबान का रवैया एक व्यापारी और पेशेवर की तरह है, जो कि बेहद ही सकारात्मक कदम है. व्हाइट हाउस तालिबान की तारीफ करते हुए यहीं नहीं रुका, उसने आगे कहा कि तालिबान का रुख लचीला है, वो अमेरिका की पूरी मदद कर रहा है.
बता दें कि 30 और 31 अगस्त की मध्यरात्रि को अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की रवानगी के बाद से काबुल एयरपोर्ट बंद पड़ा था, जिसे कतर की तकनीकी मदद से फिर से शुरू किया गया. एक तरफ जहां अमेरिका आधिकारिक रूप से तालिबान को सहयोगी, व्यापारी और पेशेवर बता रहा है तो दूसरी ओर अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत में तालिबान पर जातीय नरसंहार के आरोप लग रहे हैं.
अहमद मसूद की अगुवाई वाले नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) के विदेशी मामलों के प्रमुख अली मैसम नाजरी के मुताबिक, तालिबानी आक्रमण की वजह से अबतक 1 हजार से ज्यादा लोग पंजशीर घाटी से पलायन कर चुके हैं. इस समय पूरी दुनिया भी इस नरसंहार को देखकर चुप है. NRF ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान पर दबाव बनाने की अपील की है जिससे पंजशीर घाटी में इस तालिबानी नरसंहार को रोका जा सके.