अमेरिका के शहर क्लोरोडो (Colorado) के दो अलग-अलग हिस्सों एक सांप के जोड़े कुछ हरकत करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं.
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नई दिल्ली: सांपों की अपनी दुनिया होती है. रेंगने वाला यह जीव दुनिया के लगभग हर हिस्से में पाया जाता है. सांप से जुड़े किस्से और कहानियों के बारे में हम जानना चाहते हैं. शायद इसी वजह से हमें जब कभी मौका मिलता है तो सांप की तस्वीरें खींच लेते हैं या वीडियो बना लेते हैं. इस बार अमेरिका के शहर क्लोरोडो (Colorado) के दो अलग-अलग हिस्सों एक सांप के जोड़े कुछ हरकत करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं. इस वीडियो को देखकर कोई भी रोमांचित हो सकता है.
दरअसल, वीडियो को देखकर समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ये दोनों सांप झगड़ रहे हैं या आपस में प्रेम जाहिर कर रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि दोंनों सांप बीच सड़क पर एक दूसरे पर उलट-पलट कर रहे हैं. पहली नजर में ऐसा लग रहा है मानो वे झगड़ रहे हों, लेकिन दूसरे पल में ये लग रहा है मानो ये मेटिंग (Mating) कर रहे हैं. पहली बार ये दोनों सांप बीच सड़क देखे गए, फिर दूर झाड़ियों में ऐसी ही हरकत करते देखे गए.
ये हैं पटना के विष पुरुष, 50 की उम्र में भी खाते हैं सांप-बिच्छू
बिहार की राजधानी पटना से 35 किलोमीटर दूर दनियावां के जीवनचक गांव के धीरबाबा उर्फ रणधीर बाबा अपने गांव में विषैले सांप और बिच्छूओं को आसानी से पकड़ते हैं और उसे खा भी जाते हैं. उनपर जहर का कोई असर नहीं होता है. वर्षों से विषैले जीव-जंतु खाते-खाते अब आदत सी बन गई है. जिस सांप को देखने मात्र से लोग डरने लगते हैं, उसे वह आसानी से अपना आहार बना लेते हैं.
50 वर्षीय मामूली किसान धीरबाबा की मानें तो वह साधारण खाना के साथ-साथ विषैले जीव-जन्तु को भी अपना आहार बना लेते हैं. इससे उनके शरीर को अतरिक्त ऊर्जा मिलती है. 1990 से वह जहरीले जीव-जंतु खा रहे हैं. आज तक उनपर विष का असर नहीं हुआ है. विषैले जीवों को आहार बनाने के शौक ने उन्हें आजीवन ब्रह्मचर्य रहने के लिए मजबूर कर दिया.
अपनी आदतों की वजह से उन्होंने शादी नहीं की
विषैला शरीर होने के कारण उन्होंने शादी नहीं की. उनका मामना है कि शादी करने पर उनकी पत्नी को उनसे हानि पहुंच सकती थी. हलांकि विष पुरुष होने के नाते आम लोगों से लेकर अपराधी भी उनसे खौफ खाते हैं. पूरे गांव में विष पुरुष के नाम से चर्चित रणधीर बाबा मार्शल आर्ट की कला में भी निपुण हैं. वह मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करते ही खेती में लग गए. जब भी उन्हें खेतों में सांप-बिच्छू दिख जाते हैं तो वह उसे खा लेते हैं. यही उनकी दिनचर्या बन गई है.