व्लादिमीर पुतिन की सोच, कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव खत्म करना चाहता है अमेरिका
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व्लादिमीर पुतिन की सोच, कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव खत्म करना चाहता है अमेरिका

पुतिन ने उत्तर कोरिया के खिलाफ अधिक प्रतिबंध की मॉस्को की खिलाफत को एक बार फिर से जाहिर किया.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया से बातचीत का आह्वान किया. (फाइल फोटो)

सोल: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का मानना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव खत्म करने का इच्छुक है. रविवार (3 सितंबर) को एक बार फिर उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया जिससे पड़ोसी देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. इसके जवाब में अमेरिका ने ‘सैन्य कार्रवाई’ की बात की तो दक्षिण कोरिया ने अहम सैन्य अभ्यास किया. रूस के पूर्वी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक फोरम में पुतिन ने गुरुवार (7 सितंबर) को कहा कि उनका मानना है कि ट्रंप प्रशासन ‘स्थिति के समाधान का इच्छुक है.’ पुतिन ने उत्तर कोरिया के खिलाफ अधिक प्रतिबंध की मॉस्को की खिलाफत को एक बार फिर से जाहिर किया.

व्लादिमीर पुतिन ने कहा, उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाना कोई हल नहीं

उत्तर कोरिया के हालिया परमाणु परीक्षण की निंदा करने के बावजूद रूस और दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़े करने के मुद्दे पर अलग-अलग खेमों में बंटे हुए प्रतीत हुए. रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में बुधवार (6 सितंबर) को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन के साथ बैठक के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया से बातचीत का आह्वान करते हुए कहा कि देश के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम का समाधान प्रतिबंध नहीं हैं.

मून उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े प्रतिबंधों का रूस से समर्थन करने की मांग कर रहे थे. पुतिन ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें उत्तर कोरिया को अलग-थलग नहीं करना चाहिए. तनाव बढ़ाने वाले कदमों से हर किसी को बचना चाहिए और संयम दिखाना चाहिए.’’ पुतिन से मुलाकात के मद्देनजर मून ने कहा कि अगर उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को नहीं रोका गया तो स्थिति काबू से बाहर हो सकती है.

मून ने कहा, ‘‘मेरा और राष्ट्रपति पुतिन का मानना है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम की दिशा में गलत तरीके से आगे बढ़ रहा है और कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करना तत्काल मुद्दा है.’’ उदारवादी रुख वाले मून ने मई में पद संभाला था और उन्होंने शुरुआत में उत्तर कोरिया को लेकर कूटनीतिक रवैया रखने को प्राथमिकता दी थी लेकिन उत्तर कोरिया के हथियारों के परीक्षण जारी रहने के कारण उनकी सरकार ने दुश्मन देश की ओर कड़ा रुख रखा हुआ है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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