डोकलाम विवाद पर बोले वांग यी, चीन-भारत यह तय करें कि मतभेद हद से बाहर न हो
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डोकलाम विवाद पर बोले वांग यी, चीन-भारत यह तय करें कि मतभेद हद से बाहर न हो

वांग ने डोकलाम में दोनों देशों के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध का जिक्र किए बिना कहा, ‘‘आगे बढ़ते हुए, दोनों पक्षों को दोनों नेताओं के बीच जो सहमति हुई है उस पर साथ काम करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि द्विपक्षीय संबंध पटरी पर रहें.’’

चीनी विदेश मंत्री वांग यी (बाएं) के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन ने गुरुवार (7 सितंबर) को कहा कि चीन और भारत को एक दूसरे को प्रतिद्वंद्वी अथवा खतरा समझने वाली मानसिकता को दूर करके यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके आपसी मतभेद नियंत्रण से बाहर न जाने पाएं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंत्रीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच इस सप्ताह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के बाद भारत चीन संबंधों पर पहली बार टिप्पणी करते हुए यह बात कही. वांग ने कहा पिछले कुछ महीनों में द्विपक्षीय संबंध ‘स्पष्ट कारणों’ से ‘प्रभावित और कमजोर’ हुए हैं.

वांग ने डोकलाम में दोनों देशों के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध का जिक्र किए बिना कहा, ‘‘आगे बढ़ते हुए, दोनों पक्षों को दोनों नेताओं के बीच जो सहमति हुई है उस पर साथ काम करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि द्विपक्षीय संबंध पटरी पर रहें.’’ नेपाल के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री कृष्ण बहादुर देउबा के साथ बातचीत के बाद उन्होंने गुरुवार (7 सितंबर) को संवाददाताओं से कहा कि चीन -भारत संबंधों को बिगड़ने नहीं दिया जाना चाहिए. वांग ने कहा, ‘‘दोनों देशों को सौहाद्रपूर्ण संबंध और मजबूत सहयोग तलाशने चाहिए जो कि स्वाभाविक और उचित विकल्प है.’‘

चीन ने सेना प्रमुख रावत के बयान पर जताई आपत्ति, कहा- यह शी जिनपिंग, मोदी के विचारों के उलट

चीन ने गुरुवार (7 सितंबर) को सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि बीजिंग भारत के संयम की परीक्षा ले रहा है. चीन ने कहा कि यह बयान इस सप्ताह श्यामन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा व्यक्त किये गये विचारों के विरोधाभासी है. रावत ने नई दिल्ली में सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि चीन ने अपना ‘दमखम दिखाना’ शुरू कर दिया है, वहीं पाकिस्तान के साथ सुलह की कोई गुंजाइश नहीं लगती.

इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमने भारत में संबंधित लोगों के बयान देखे हैं, हमने भारत की प्रेस में भी कुछ बयान देखे हैं. डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिन तक बने रहे गतिरोध के समाप्त होने के बाद शी और मोदी की पहली मुलाकात में उनके द्वारा व्यक्त विचारों का जिक्र करते हुए गेंग ने यह भी पूछा कि क्या रावत बोलने के लिए अधिकृत हैं और क्या उनके विचार भारत की सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि भारतीय प्रेस में खबरें आई हैं. हमें नहीं पता कि वह ऐसी बातें कहने के लिए अधिकृत हैं या नहीं, या ये केवल उनके स्वत: स्फूर्त बयान थे या उनकी बात भारत सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करती हैं.’’ चीन और भारत को महत्वपूर्ण पड़ोसी और दो बड़े देश बताते हुए गेंग ने कहा कि संबंधों का मजबूत और सतत विकास दोनों देशों के हितों को साधने वाला है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यही देखना चाहता है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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