Britain News: प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता (LoP) आए दिन तमाम विषयों पर बहस और चर्चा होती है. ये एक स्वस्थ्य लोकतंत्र की निशानी होती हैं. हालांकि कभी-कभी दोनों के बीच ऐसा विषय उठ जाता है, जिस पर देशव्यापी बहस होने लगती है.
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UK News: कुछ लोगों का मानना होता है कि सब राजनेता एक जैसे होते हैं. उनकी पसंद और ना पसंद एक जैसी होती है. हालांकि हर बार ये जरूरी नहीं होता, कई चीजें ऐसी होती हैं जिनपर सत्ता पक्ष या विपक्ष में नॉर्थ और साउथ पोल जैसा अंतर होता है. उनकी पसंद-नापसंद में इतना अंतर होता है कि कोई चीज किसी को पसंद है तो दूसरे को वो फूटी आंख नहीं सुहाती. यहां बात उस 'सैंडविच' की जिसका ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बड़ा योगदान है, लेकिन उस पर प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष (LoP) दोनों के बीच ठनी हुई है.
लंच ब्रेक और सैंडविच पर बहस क्यों?
संसद चाहे किसी देश की हो प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता आए दिन तमाम विषयों पर चर्चा होती है. ये सब चीजें एक स्वस्थ्य लोकतंत्र की निशानी होती हैं. हालांकि कभी-कभी दोनों के बीच ऐसा विषय उठ जाता है, जिस पर देशव्यापी बहस होने लगती है. ऐसी कंडीशन में यह ऐसा लगता है कि तिल का ताड़ बनाया जा रहा है. यहां बात ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) और मुख्य विपक्षी दल के नेता केमी बेडेनॉक की जिनके बीच इस बार अवैध प्रवासियों और टैक्सेशन नहीं बल्कि सैंडविच और लंच ब्रेक (sandwich, Lunch break) को लेकर ऐसी बातचीत हुई कि बैठे बिठाए राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गई.
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'सैंडविच से काम चलाएं या लंच ब्रेक लें'
आम हो या खास उसे अपनी बात सोच समझ कर कहनी चाहिए. इसीलिए कहा गया है कि - 'तोल मोल के बोल' वरना किसी बात को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने से चीजें बिगड़ जाती हैं. ब्रिटिश पीएम और एलओपी के बीच बहस बस इस बात पर हुई कि क्या सैंडविच, लंच ब्रेक (Luch Break) का विकल्प बन सकता है. हालांकि बात सीधी, लेकिन गंभीर थी, फिर भी इस बात ने उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब कंजर्वेटिव नेता केमी बेडेनॉक (Conservative leader Kemi Badenoch) ने राइट विंग वीकली मैगजीन, 'द स्पेक्टेटर' को दिए इंटरव्यू में इसका जिक्र कर दिया.
उन्होंने आम लोगों का हवाला देते हुए कहा- क्या सैंडविच पर्याप्त है या हमें दोपहर के मील की जरूरत है, यानी क्या लोगों को दोपहर के भोजन के लिए ब्रेक लेना चाहिए?
बेडेनॉक ने द स्पेक्टेटर को बताया, 'दोपहर का भोजन यानी लंच ब्रेक कितना जरूरी होता है? मुझे लगता है कि ये लंच कमजोर लोगों के लिए होता है. अपनी बात बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, 'मैं कई बार काम करते-करते खा लेती हूं, हालांकि उसका कोई खास समय नहीं है. मेरा काम कबाब से चल जाता है. कभी वो भी नहीं मिलता.'
मुझे सैंडविच पसंद नहीं: बेडेनॉक
'मैं सैंडविच लवर नहीं हूं, फेवरेट तो कतई नहीं, उससे पेट तक नहीं भरता. मुझे नहीं लगता कि सैंडविच कोई रियल फूड आइटम यानी मील है, ये वो चीज है जो आप नाश्ते में खाते हैं. देखिए अगर मेरी ब्रेड गीली है तो मैं उसे हरगिज हाथ नहीं लगाउंगी.'
इस सवाल-जवाब को लेकर, PM कीर स्टार्मर के प्रवक्ता ने कहा, 'वो अक्सर ट्यूना सैंडविच और कभी-कभी पनीर टोस्टेड सैंडविच खाकर बहुत खुशी-खुशी अपना काम करते हैं. उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा, 'मुझे लगता है कि लोग यह सुनकर हैरान थे कि विपक्ष की नेता को कबाब पसंद है. मुझे लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री सैंडविच लंच से काफी खुश रहते हैं क्योंकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करन में इसका करोड़ों पाउंड का योगदान होता है.'
प्रधानमंत्री पर भड़कीं विपक्ष की नेता
आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए, 'बेडेनॉक ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'प्रधानमंत्री के पास लंच को लेकर मेरे जोक्स का जवाब देने का समय है, पर किसानों के लिए समय नहीं है जो हमारे लिए भोजन पैदा करते हैं.' वहीं इस बहस के कई मायने निकाले गए. कुछ को लगा होगा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि लंच ब्रेक खत्म करने की बात हो रही हो.