कुछ दिन पहले आसमान में रूस के दो मिग-31बीएम फाइटर जेट भिड़ गए. यह भिड़ंत धरती की सतह से 20 किमी ऊपर हुई.
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नई दिल्ली: कुछ दिन पहले आसमान में रूस के दो मिग-31बीएम फाइटर जेट भिड़ गए. यह भिड़ंत धरती की सतह से 20 किमी ऊपर हुई. हालांकि यह वास्तविक भिड़ंत नहीं थी, बल्कि मॉकड्रिल का हिस्सा थी जिसे रूस ने पायलट के युद्ध कौशल को बढ़ाने के लिए किया. यह मॉक ड्रिल रूस की प्रशांत महासागरीय नौसेना द्वारा कामचाटका पेनेनसुला में किया गया.
इस मॉकड्रिल में दो मिग-31बीएम ने हिस्सा लिया. यह अभी तक का सबसे तेज फाइटर है. एक मिग फाइटर ने घुसपैठी के तौर पर काम किया जबकि दूसरे ने उसका पीछा किया. घुसपैठ करने वाले मिग 31एमबी का काम एयर डिफेंस सिस्टम को भेदना था और रूस के एयरस्पेस में प्रवेश करना था. इसकी क्रूज स्पीड 2,500 किमी प्रतिघंटा होती है.
मॉक ड्रिल पर रूस की प्रशांत महासागरीय नौसेना ने एक बयान भी जारी किया. इसके मुताबिक, "युद्ध प्रशिक्षण प्लान के अनुसार, कामचाटका स्थित रूस की प्रशांत महासागरीय नौसेना के मिग-31एमबी फाइटर के क्रू मॉक ड्रिल ट्रेनिंग की. इसमें पहली बार रूस के एयरस्पेस में घुसपैठ करने वाले फाइटर का पता लगाने का अभ्यास किया गया. पहली बार इसमें अपग्रेडेड मिग-31एमबी ने हिस्सा लिया. यह ट्रेनिंग फाइटर पायलट के लिए युद्ध कौशल का हिस्सा है जिसमें नए और उन्नत एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करना सिखाया जाता है ताकि वे अपने कौशल का इस्तेमाल एयर डिफेंस कॉम्बैट निगरानी के दौरान कर सके."
मॉकड्रिल के दौरान, पायलट ने अपने लक्ष्य पर निशाना लगाया और दुश्मन के एयरक्राफ्ट को जमींदोज करने के लिए लंबी रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी.
गौरतलब है कि रूस ने मिग-31एमबी फाइटर जेट को अपग्रेड किया है.