Why people do not wear clothes: दुनिया(World) अजीबोगरीब रहस्यों से भरी पड़ी है. जहां अलग-अलग देशों यानी इलाकों की अपनी अलग बोली-भाषा, रीति-रिवाज और परंपराए  है. कुछ ऐसा ही एक गांव है ब्रिटेन (Britain) का स्पीलप्लाट् (spielplatz) जहां के मूल स्थानीय निवासी बिना कपड़ों के ही रहते हैं. 12 एकड़ में फैले इस गांव की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. 


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आदिवासी नहीं मॉर्डन गांव


'द मिरर' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक आपको बताते चलें कि ये जंगल के बीच बसा कोई आदिवासियों का गांव नहीं है, जहां लोग प्राचीन काल की तरह बिना कपड़ों के रहते हों. ये तो एक पॉश और हाई-फाई इलाका है जहां एक से बढ़कर एक रईस लोग रहते हैं. यहां आप घर खरीद तो सकते हैं पर रह तभी सकते हैं जब आप यहां के रूल फॉलो करें. क्योंकि ये लोग आपकी वजह से अपनी इस आदत में बदलाव लाने के बारे में शायद सपने में भी नहीं सोचते होंगे.


बाहर जाने पर पहनते हैं कपड़े


स्पीलप्लाट्ज (Spielplatz) यानी खेल का मैदान. यहां के लोग एडवेंचर और खेलों के शौकीन हैं. यहां आउटडोर-इनडोर हर खेल के लिए पूरे इंतजाम हैं. आपको बताते चलें कि ये जगह ब्रिटेन की सबसे पुरानी कॉलोनियों में से एक है. जहां स्विमिंग पूल, जिम और बियर बार जैसी सभी सुविधाएं मौजूद है. यहां के रईस लोग अपनी धुन के पक्के हैं. जो अपनी मनमर्जी से बिना किसी शर्म, संकोच या झिझक के बिना कपड़ों के रहते हैं हालांकि जब यहां के लोगों को कहीं बाहर जाना होता है तो वो बाकायदा अच्छी तरह से तैयार होकर प्रॉपर ड्रेसिंग सेंस के साथ बाहर जाते हैं और लौटकर फिर अपने ढर्रे पर आ जाते हैं. 


इस चर्चित गांव पर बन चुकी फिल्म


दुनिया के कई न्यूड बीचों के बारे में आपने सुना होगा. लेकिन ये कोई बीच नहीं बल्कि एक भरा पूरा गांव है. दुनिया के कई फिल्म डायरेक्टर और रिपोर्टर इस प्रथा पर डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म बना चुके हैं. ब्रिटेन में शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जिसे यहां के बारे में जानकारी न हो. दूसरी तरफ रईस लोगों का ये गांव लंदन (London) जैसी सुविधाओं के लिए भी देशभर में मशहूर है.


बाहर के लोगों के नियम तय


यहां पोस्टमैन, कोरियर वाला, सुपमार्केट और फूड डिलीवरी एजेंट बेरोकटोक आ सकते हैं. उनके आने से इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि ये लोग कई दशकों से दुनिया की परवाह से बेफिक्र होकर अपनी जिंदगी जी रहे हैं. शुरुआत में कुछ रूढिवादी लोगों ने इस कल्चर पर सवाल उठाए लेकिन बाद में उन्होंने भी इनके सच को स्वीकार कर लिया.


क्यों नंगे रहते हैं इस गांव के लोग?


रिपोर्ट्स के मुताबिक इसुएल्ट रिचर्डसन ने साल 1929 में यह गांव खोजा था. उनकी मान्यता थी कि लोगों को प्राकृतिक रूप से ही रहना चाहिए. इससे ज्यादा लोग प्रकृति के करीब रह सकेंगे. यहां के लोग सामान्य जीवन जीते हैं. 1929 से ही इस गांव में न्यूड रहने की परंपरा बन गई है.


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