ZEE जानकारी: क्यों कुछ लोग उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट को फर्जी बता रहे हैं
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ZEE जानकारी: क्यों कुछ लोग उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट को फर्जी बता रहे हैं

आजकल Fake News का ज़माना है... आपने ख़बरों की दुनिया में Fake News और News Tampering जैसे शब्दों के बारे में ज़रुर सुना होगा। लेकिन, अगर हम आपसे ये कहें...कि अब Missile Launching की तस्वीरों के साथ भी Tampering होने लगी है, तो क्या आप यकीन करेंगे ? ये सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन आज हम आपको North Korea के एक ऐसे ही झूठ के बारे में बताएंगे।

ZEE जानकारी: क्यों कुछ लोग उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट को फर्जी बता रहे हैं

आजकल Fake News का ज़माना है... आपने ख़बरों की दुनिया में Fake News और News Tampering जैसे शब्दों के बारे में ज़रुर सुना होगा। लेकिन, अगर हम आपसे ये कहें...कि अब Missile Launching की तस्वीरों के साथ भी Tampering होने लगी है, तो क्या आप यकीन करेंगे ? ये सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन आज हम आपको North Korea के एक ऐसे ही झूठ के बारे में बताएंगे।

29 नवंबर को North Korea ने भारतीय समय के अनुसार रात 12 बजकर 20 मिनट पर Hwasong-15  ((ह्वासॉन्ग)) नामक Inter-continental Ballistic Missile का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल के बारे में ये दावा किया गया, कि इसकी Range में दुनिया की 85 फीसदी आबादी आती है। इस सफल परीक्षण के बाद North Korea में बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया। जमकर आतिशबाज़ी भी हुई। और वहां के तानाशाह ...किम जोंग उन... की लम्बी उम्र के लिए दुआएं भी की गईं। लेकिन अब कुछ Experts ये दावा कर रहे हैं कि ये Missile Test फर्ज़ी था और इसकी Launching के बाद जारी की गई तस्वीरें भी Fake थीं। 

ये दावा करने वाले व्यक्ति का नाम है...डॉक्टर Marco Langbruk....जो एक Spy Satellite Tracker हैं। इस व्यक्ति ने North Korean State Media की तरफ से जारी की गई तस्वीरों को फर्ज़ी बताया है। और ये कहा है, कि किम जोंग उन..  ने दुनिया को भ्रमित करने का प्रयास किया है। हमने भी आज दिनभर इन तस्वीरों का गहन विश्लेषण किया, और हमें भी इन तस्वीरों पर शक़ हुआ।

North Korea ने Missile Launching की जो तस्वीरें जारी की थीं...वो एक ही Angle से ली गई थीं...लेकिन दोनों तस्वीरों का Background बिल्कुल अलग था। इन दोनों तस्वीरों को ध्यान से देखने पर ये पता चलता है, कि आसमान में मौजूद अलग-अलग तारों के समूह, एक ही वक्त पर अलग-अलग दिशाएं बता रहे हैं।

पहली तस्वीर में आपको Orion तारामंडल दिखाई देगा। इसे कालपुरुष भी कहा जाता है। और ये आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम दिशा के आसमान में दिखाई देता है। जबकि दूसरी तस्वीर में आपको Andromeda तारामंडल दिखाई देगा। जो आम तौर पर उत्तर-पश्चिम दिशा के  आसमान में दिखता है। 

अब सवाल ये है, कि दो अलग-अलग दिशाओं के तारामंडल, एक ही Angle से ली गई अलग-अलग तस्वीरों में कैसे दिखाई दे रहे हैं ? अगर आप दोनों तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे, तो ये समझ जाएंगे, कि Missile Launching के दौरान पैदा होने वाला धुआं एक जैसे आकार में है। यानी तस्वीरों का नीचे का हिस्सा तो एक जैसा है, लेकिन आसमान वाले हिस्से को बदल दिया गया है। ये सारे तर्क और सबूत देखने के बाद डॉक्टर Marco की बातें सही लगती हैं। हालांकि, अब भी इसकी अच्छी तरह जांच करने की ज़रुरत है।

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