इस देश में मिला दुनिया का सबसे पुराना आईलाइनर, 8200 साल बाद भी टिप है काली
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इस देश में मिला दुनिया का सबसे पुराना आईलाइनर, 8200 साल बाद भी टिप है काली

World oldest eyeliner: तुर्की के एक पुराने शहर के खंडहरों से दुनिया की सबसे पुरानी आईलाइनर (eyeliner) मिला है. जिससे यह साबित होता है कि इंसान 8,000 साल से अधिक समय से मेकअप का इस्तेमाल कर रहे थे.

इस देश में मिला दुनिया का सबसे पुराना आईलाइनर, 8200 साल बाद भी टिप है काली

World oldest eyeliner: तुर्की के एक पुराने शहर के खंडहरों से दुनिया की सबसे पुरानी आईलाइनर (eyeliner) मिला है. जिससे यह साबित होता है कि इंसान 8,000 साल से अधिक समय से मेकअप का इस्तेमाल कर रहे थे. दुनिया का सबसे पुराना बताया जा रहा ये आईलाइनर पश्चिमी तुर्की के यसिलोवा होयुक में मिला है. यह हरे सर्पेंटाइन पत्थर से बना है और इसके टिप पर 8,200 साल बाद भी काली पेंट की परत मौजूद है.

इस खोज के बारे में बात करते हुए प्रमुख आर्कियोलॉजिस्ट ज़ाफेर डेरिन ने कहा कि "सदियों से, कोहल सभी लिंगों, स्तरों और सामाजिक-आर्थिक स्तरों के व्यक्तियों द्वारा पहना गया है." यह कोहल कई स्थानों जैसे मिस्र, लेवेंट, सीरिया, ईरान और अनातोलिया में इस्तेमाल किया जाता था.

डेरिन ने बताया, "यह प्राचीन काल से आज तक इस्तेमाल में है और आज भी कई क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल हो रहा है. यसिलोवा होयुक में मिली कोहल की छड़ी अब तक की सबसे पुरानी है. यह दर्शाता है कि यसिलोवा में रहने वाली पहली एजियन महिलाएं अपनी सुंदरता को लेकर कितनी सजग थीं."

यह कोहल की छड़ी लगभग 10 सेंटीमीटर लंबी और एक सेंटीमीटर मोटी है. और यह यसिलोवा होयुक के लोगों द्वारा प्राचीन समय में विकसित किए गए अलग-अलग कलात्मक वस्तुओं में से एक है. डॉ. डेरिन ने कहा कि यह "बहुत अच्छी तरह से चिकनी और तेज पेन के रूप में आकार में बनाई गई है." इसे संभवतः कोहल के कंटेनर में डुबोकर मेकअप के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा होगा.

एक्सपर्ट्स ने टिप पर मौजूद काली सामग्री का विश्लेषण करने के लिए भेजा है. लेकिन माना जाता है कि यह मैंगनीज ऑक्साइड है, जो कोहल का एक घटक है. डॉ. डेरिन ने बताया, "हालांकि इसका उपयोग केवल सौंदर्य के लिए नहीं था. प्राचीन मिस्र के कई लिखित पाठों, चित्रों और मूर्तियों से ज्ञात है कि कोहल मुख्य रूप से आंखों की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता था."

"इसके अलावा, इसे आंखों के चारों ओर मोटे तौर पर लगाकर सूरज की चमक को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था," उन्होंने कहा कि कोहल स्टिब्नाइट को पीसकर बनाया जाता है. जो एक खनिज है जो हाइड्रोथर्मल डिपॉज़िट में पाया जाता है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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