ZEE जानकारी : अंतरिक्ष में हुआ एक हादसा, बाल-बाल बचे दो अंतरिक्ष यात्री
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ZEE जानकारी : अंतरिक्ष में हुआ एक हादसा, बाल-बाल बचे दो अंतरिक्ष यात्री

MS-10 नामक अंतरिक्ष यान को Launch किया गया था. Russia के इस मिशन में वहां के अंतरिक्ष यात्री एलेक्सी ओविचिन और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री निक हेग शामिल थे. 

ZEE जानकारी : अंतरिक्ष में हुआ एक हादसा, बाल-बाल बचे दो अंतरिक्ष यात्री

अब आपको अंतरिक्ष में लेकर चलते हैं. क्योंकि, ऐसा लग रहा है, कि Russia और अमेरिका के बीच पृथ्वी की ही तरह, अंतरिक्ष में भी '36 का आंकड़ा' है. पृथ्वी पर अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump और Russia के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मज़बूत Partnership नहीं हो रही. और इसी तरह अंतरिक्ष में भी दोनों देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की Partnership कमज़ोर पड़ गई है. 

ये तस्वीरें कल की हैं. जब Kazakhstan की Space Launch Facility से Soyuz (सोयूज़)
MS-10 नामक अंतरिक्ष यान को Launch किया गया था. Russia के इस मिशन में वहां के अंतरिक्ष यात्री एलेक्सी ओविचिन और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री निक हेग शामिल थे. ये दोनों International Space Station जा रहे थे. और इस Rocket के Launch होने के बाद इन्हें 6 घंटे में International Space Station पहुंचना था. शुरुआत में सबकुछ सामान्य था. लेकिन, अचानक तीन छोटी छोटी Beeps सुनाई दी. ये आवाज एक Emergency Signal था. इसके बाद एक अंतरिक्ष यात्री को ये कहते हुए सुना गया...कि "बूस्टर के साथ एक हादसा, 2 मिनट, 45 सेकेंड"...और Rocket के अंदर दोनों अंतरिक्ष यात्री कांपने लगे. दरअसल, उड़ान भरने के कुछ सेकेंड्स बाद ही Rocket के बूस्टर में खराबी आ गई थी. और पृथ्वी से 50 किलोमीटर ऊपर Russia के इस Rocket का Engine फेल हो गया. जिस समय Engine फेल हुआ, उस वक्त Rocket की Speed क़रीब 8 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा थी.

Engine फेल होते ही, पृथ्वी से लेकर आसमान तक हड़कंप मच गया. हालांकि, अच्छी बात ये है, कि दोनों ही अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं. लेकिन उनकी वापसी बिल्कुल वैसी ही थी, जैसे वो अंतरिक्ष में गए, 'यमराज' से Hi, Hello किया और सुरक्षित वापस लौट आए. ये सुनने में जितना आसान लगता है, उससे कहीं ज़्यादा मुश्किल था. क्योंकि, जब कोई चीज़ अंतरिक्ष से धरती की तरफ गिरती है, तो उस पर सामान्य रूप से 8G का गुरुत्वाकर्षण बल लगता है. सोयूज हादसे के बाद जब अंतरिक्ष यात्रियों का Capsule नीचे आ रहा था, तो उस पर सामान्य से 7 गुना गुरुत्वाकर्षण बल लगा. आप सोचेंगे, कि डेढ़ लाख फीट की ऊंचाई से गिरकर भी, कोई ज़िंदा कैसे बच सकता है ? इसका जवाब आपको हमारी रिपोर्ट में मिलेगा. इसमें हमने दुर्घटना से जुड़ी तमाम जानकारियां सरल भाषा में दी हैं.

Russia के Soyuz Rockets को अबतक 745 बार Launch किया जा चुका है. जिनमें से 21 मिशन ऐसे थे, जो फेल हो गये थे. इनमें भी 13 मिशन, वर्ष 2010 के बाद फेल हुए हैं. लेकिन अब चिंता इस बात की है, कि International Space Station में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों का क्या होगा ? क्योंकि, जब तक इस मिशन के फेल होने की वजहों का पता नहीं चल जाता, तब तक अमेरिका और Russia अपने अंतरिक्ष यात्रियों को International Space Station नहीं भेज पाएंगे. यानी जो अंतरिक्ष यात्री वहां मौजूद हैं, वो ना तो नीचे आ पाएंगे. और ना ही पृथ्वी से कोई Astronaut, उन्हें Replace करने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा पाएगा.

Saw-yooz दुनिया के सबसे पुराने Spacecrafts में से एक है . ये इकलौता ऐसा Spacecraft है, जो वर्ष 2011 से लगातार अतंरिक्ष यात्रियों को Space Station तक ले जाने का काम कर रहा है. International Space Station जाने के लिए अगले Launch की तारीख 20 दिसम्बर 2018 है. लेकिन Russian space agency ने सारे Saw-yooz Rockets के Launch को, जांच पूरी होने तक रोक दिया है.

वैसे चमत्कार सिर्फ इन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नहीं हुआ है. एक चमत्कार 4 हज़ार किलोमीटर दूर Tiru-chira-palli में भी हुआ है. 

वहां Airport पर, दुबई के लिए उड़ान भरने वाले Air India के एक विमान और उसमें सवार यात्रियों और Crew Members की जान बाल-बाल बच गई. 130 यात्रियों और 6 Crew Members को लेकर एयर इंडिया के विमान B-737 ने कल देर रात डेढ़ बजे टेकऑफ किया. प्लेन को दुबई जाना था. लेकिन, प्लेन के दोनों पहिये बंद होते, उससे पहले ही वो एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल से टकरा गये. और दीवार का हिस्सा टूटकर गिर गया. लेकिन प्लेन ना तो लड़खड़ाया और न गिरा. हालांकि, ये झटका मामूली नहीं था. क्योंकि, दीवार से टकराने की वजह से प्लेन के कुछ हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचा था. इसके बाद Air Traffic Controller ने विमान के पायलट से बातचीत के दौरान इस बात की आशंका जताई, कि विमान किसी दीवार से टकरा गया है. और हो सकता है, कि उसकी वजह से उसे गंभीर नुकसान पहुंचा हो.

हालांकि, पायलट ने ये जानकारी दी, कि विमान में किसी भी तरह की कोई खराबी महसूस नहीं हो रही. उस वक्त तक विमान काफी ऊंचाई पर था. इसलिए ये फैसला लिया गया, कि ऐहतियात के तौर पर विमान को दुबई ना ले जाकर, पहले मुंबई Land कराया जाए. इसके बाद ये विमान सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर सभी यात्रियों और Crew Members के साथ सुरक्षित मुंबई पहुंच गया. हालांकि, जब बाद में विमान को पार्किंग स्टैंड तक ले जाया गया, तब जाकर सबको इस मामले की गंभीरता का अहसास हुआ. क्योंकि, नुकसान हल्का-फुल्का नहीं, बल्कि बहुत ज़्यादा था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर विमान में हुआ नुकसान, कुछ इंच भी ज़्यादा होता, तो सभी यात्रियों की जान ख़तरे में आ सकती थी. फिलहाल इस विमान के दोनों पायलट्स को जांच पूरी होने तक.. कोई भी दूसरी उड़ान भरने से रोक दिया गया है.

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