ZEE जानकारी: पूरी दुनिया में हो रही है भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा
Advertisement

ZEE जानकारी: पूरी दुनिया में हो रही है भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा

चीन में भी भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर विश्लेषण हो रहे हैं. चीन के सरकारी अखबार Global Times में एक लेख छापा गया है.

ZEE जानकारी: पूरी दुनिया में हो रही है भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा

इस वक्त भारत को लेकर पूरी दुनिया में एक ही बात की चर्चा चल रही है कि मोदी वापस लौटेंगे या नहीं. चीन में भी भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर विश्लेषण हो रहे हैं. चीन के सरकारी अखबार Global Times में एक लेख छापा गया है. जिसका शीर्षक है, कि, भारत के चुनावी नतीजे चाहे कुछ भी हों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक विरासत ऐसे ही चलती रहेगी. 

इस लेख में मूल रुप से भारत और चीन के रिश्तों का ज़िक्र किया गया है. और कहा गया है, कि अपने कार्यकाल में चीन को लेकर नरेंद्र मोदी ने तर्कसंगत और बुद्धिमान रवैया अपनाया. उन्होंने ना सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की दुनिया में भारत को शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित किया. बल्कि चीन और अमेरिका के संदर्भ में कूटनीतिक संतुलन बनाए रखा. लेख में ये भी कहा गया है, कि जो भी नेता भारत का अगला प्रधानमंत्री बनेगा, वो नरेंद्र मोदी की China Policy को बरकरार रखेगा. वैसे दिलचस्प बात ये है, कि इस लेख में जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उसे देखकर ऐसा लगता है, जैसे चीन को नरेंद्र मोदी की वापसी का भरोसा है.

लेख में कहा गया है, कि चुनावी नतीजों में बीजेपी, सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. और इसमें लोगों को संदेह नहीं है. 

लेख में ये भी कहा गया है, कि राजनीतिक कद के लिहाज़ से नरेंद्र मोदी, अपने विरोधियों के मुक़ाबले बेहद मज़बूत हैं. और एक संगठन के तौर पर बीजेपी की शक्ति विपक्षी पार्टियों पर भारी है. इस लेख में इन दो बातों का ज़िक्र करके ये संकेत दिए गए हैं, कि नरेंद्र मोदी एक और Term के लिए प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

इस लेख में भारत की आक्रामक विदेश नीति का ज़िक्र किया गया है. और कहा गया है, कि 2014 में सत्ता में आते ही भारत ने अपनी शक्तिशाली कूटनीति का प्रदर्शन किया. और ऐसी विदेश नीति अपनाई, जिससे भारत को फायदा पहुंचा.

लेख में ये भी कहा गया है, कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और चीन के रिश्तों की अच्छी शुरुआत हुई. चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping का भारत जाना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन आना, दोनों राष्ट्र अध्यक्षों की गहरी मित्रता का उदाहरण है. इस लेख में डोकलाम विवाद का भी ज़िक्र किया गया है. और कहा गया है, कि दोनों देशों ने मिलकर बीच का रास्ता निकाला.

इसके अलावा आज चीन ने कहा है कि मसूद अज़हर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के मुद्दे को पूरी तत्परता के साथ सुलझाया जाएगा.
कुल मिलाकर ऐसा लगता है जैसे चीन को कहीं ना कहीं ये एहसास है, कि नरेंद्र मोदी, को फिर से चुनाव जीत सकते हैं. सोशल मीडिया की भाषा में कहें तो चीन भी कह रहा है कि आएगा तो मोदी ही.

चीन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ कर रहा है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी इन तारीफ़ों से दूर... चुनावी ज़मीन पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहा रहे हैं. कल प्रधानमंत्री मोदी, अयोध्या ज़िले में अपनी रैली के ज़रिए... पूरे हिंदी Heartland का दिल जीतने की कोशिश करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की इस चुनावी रैली में उनका एक आध्यात्मिक लक्ष्य भी छुपा हुआ है. अयोध्या ज़िले में होने वाली इस रैली पर पूरी दुनिया की नज़र है क्योंकि लोगों की ये उम्मीद है कि कल प्रधानमंत्री मोदी यहां से राममंदिर के निर्माण से जुड़ी कोई महत्त्वपूर्ण घोषणा कर सकते हैं . राजनीतिक दृष्टि से भी अवध का ये इलाका बीजेपी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है . इस इलाके में लोकसभा की 14 सीटें हैं. 

इनमें ख़ासतौर पर फैज़ाबाद, अमेठी, रायबरेली, बांदा, बाराबंकी और लखनऊ की लोकसभा सीटें आती हैं . इन सीटों पर 6 मई को मतदान होगा. 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में इन 14 सीटों में से 12 सीटें बीजेपी ने जीती थीं जबकि कांग्रेस सिर्फ़ अमेठी और रायबरेली की सीटें ही बचा पाई थी . 2019 में बीजेपी एक बार फिर यहां की सभी सीटों को जीतना चाहती है . 25 अप्रैल को वाराणसी में हुए नरेन्द्र मोदी के रोड शो का पूर्वांचल के लोगों पर गहरा असर हुआ था. अब अवध के लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कल अयोध्या ज़िले के मयाबाज़ार में रैली करेंगे . 

ये जगह भगवान राम जन्मभूमि से सिर्फ़ 24 किलोमीटर की दूरी पर है . इस ख़बर को सुनकर बहुत से लोगों के मन में ये प्रश्न आया होगा कि क्या प्रधानमंत्री रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जायेंगे क्योंकि पिछले 5 वर्षों के दौरान वो एक बार भी अयोध्या नहीं गये हैं . इस विषय पर हमने बहुत से लोगों से बात की और ये जानकारी सामने आई है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी शपथ के बंधन बंधे हुए हैं. उनका संकल्प है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के बाद ही वो रामलला के दर्शन करेंगे. 

Trending news