Zee जानकारी : आखिर किस आग में सुलग रहा है हांगकांग, चीन वहां घबराया क्‍यों हुआ है?
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Zee जानकारी : आखिर किस आग में सुलग रहा है हांगकांग, चीन वहां घबराया क्‍यों हुआ है?

लोकतंत्र समर्थकों की इस बड़ी रैली की दबाने के लिए चीन ने शुक्रवार को इनके तीन बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है.

हांगकांग में हो रहे हैं ि‍विरोध प्रदर्शन. फोटो रॉयटर्स
हांगकांग में हो रहे हैं ि‍विरोध प्रदर्शन. फोटो रॉयटर्स

नई दिल्‍ली: हांगकांग में इस समय राजनीतिक संकट चरम पर है. लोकतंत्र समर्थक पिछले कई दिनों से सड़कों पर हैं. चीन की सरकार ने इन लोगों पर दबाव बनाने और उन्‍हें नियंत्रण में रखने के लिए बख्‍तरबंद सैन्‍य वाहन और सैनिक वहां तैनात किए हैं. शनिवार को हांगकांग में बड़ी रैली होनी थी.

लोकतंत्र समर्थकों की इस बड़ी रैली की दबाने के लिए चीन ने शुक्रवार को इनके तीन बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है. हांगकांग में पिछले तीन महीनों से राजनीतिक अशांति का माहौल है. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच इस दौरान कई बार हिंसक झड़पें भी हुई हैं. इन प्रदर्शनों के संबंध में जून से 850 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

चीन द्वारा लगाए प्रतिबंधों को 5 साल पूरे हुए
शनिवार को हांगकांग पर चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को 5 साल पूरे हो गए हैं. इन प्रतिबंधों के अनुसार यह तय हुआ था कि हांगकांग के चुनावों पर चीन का नियंत्रण होगा. 31 अगस्त, 2014 को इसे लेकर नए चुनाव कानून लागू किए गए थे. लोकतंत्र समर्थकों ने इसके विरोध में अंब्रेला आंदोलन शुरू किया था. जोशुआ वोंग समेत कुछ अन्‍य युवा नेता इसके अगुआ हैं.

3 बड़े नेता गिरफ्तार
हांगकांग में शनिवार को लोकतंत्र समर्थकों की बड़ी रैली होनी थी. चीन ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए हांगकांग में तीन बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. शनिवार को हांगकांग में प्रत्‍यर्पण बिल को खत्‍म करने के लिए आंदोलन के रूप में बड़ी रैली बुलाई गई थी, जो अब चीन के इस कदम के बाद रद्द कर दी गई. चीन ने इस रैली के भय से पहले बख्‍तरबंद गाडि़यों को हांगकांग में तैनात किया था. इसके बाद यह कार्रवाई की.

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ये हैं तीन बड़े नेता
पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एक नागरिक अधिकार समूह को शनिवार को इस जन रैली करने की अनुमति नहीं दी थी. पुलिस ने लोगों को उकसाने समेत कई आरोपों में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं जोशुआ वांग और एगनेस चाउ को गिरफ्तार कर लिया था. दोनों के खिलाफ शुक्रवार को अदालत में आरोप लगाए गए. इससे कुछ ही घंटों पहले स्वतंत्रता के मुखर समर्थक एंडी चान को हांगकांग हवाईअड्डे पर हिरासत में लिया गया. जोशुआ और एगनेस को जमानत दे दी गई है. लेकिन एंडी को जमानत नहीं मिली.

2014 में हुआ था अंब्रेला आंदोलन
हांगकांग में सिंतबर 2014 में नए नियमों का जमकर विरोध हुआ था. इसके तहत यहां के छात्र संगठनों ने आंदोलन शुरू किया था. ये लोग पीले बैंड और छाते लेकर आए थे. ऐसे में इसे येलो अंब्रेला प्रोटेस्ट नाम दिया गया. 2014 में 79 दिनों तक चले विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई स्‍थानों पर हालात खराब हो गए थे. जोशुआ वांग इस आंदोलन के पोस्टर ब्‍वॉय थे. इसलिए चीन वांग से घबराया हुआ है. वांग डेमिसिस्टो पार्टी के संस्थापक है.

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