ZEE जानकारी : व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को एयरपोर्ट तक छोड़ा, क्या हैं इसके मायने?
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ZEE जानकारी : व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को एयरपोर्ट तक छोड़ा, क्या हैं इसके मायने?

पीएम नरेंद्र मोदी को छोड़ने के लिए खुद पुतिन का एयरपोर्ट तक आना कूटनीति का एक बहुत दुर्लभ लम्हा है. आमतौर पर पुतिन, प्रोटोकॉल तोड़कर किसी को छोड़ने के लिए नहीं जाते हैं.

ZEE जानकारी : व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को एयरपोर्ट तक छोड़ा, क्या हैं इसके मायने?

कल हमने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Russia के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 'अनौपचारिक' मुलाकात का तुलनात्मक अध्ययन किया था. लेकिन विश्लेषण के दौरान हम आपको एक तस्वीर नहीं दिखा पाए थे. क्योंकि वो तस्वीर DNA ख़त्म होने के बाद हमारे पास आई थी. उस तस्वीर में एक बहुत बड़ा कूटनीतिक संदेश छिपा हुआ है. पहले आप ये तस्वीर देख लीजिए. फिर हम उस संदेश को Decode करेंगे.

इस तस्वीर की सबसे ख़ास बात ये है कि व्लादिमीर पुतिन, नरेंद्र मोदी को एयरपोर्ट तक छोड़ने आए थे. आमतौर पर जब किसी देश का राष्ट्र अध्यक्ष, विदेशी दौरा ख़त्म करने के बाद वापस अपने देश लौटता है, तो उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने के लिए उस देश के Protocol Officers उसके साथ जाते हैं. लेकिन, व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा नहीं किया. पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत भी किया और Protocol की परवाह किए बगैर, वो उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने भी आए. अब दुनिया इस बात पर बहस कर रही है, कि पुतिन ने ऐसा क्यों किया ? जब ये तस्वीर हमारे पास आई, तो हमने कई Diplomats से इसके बारे में चर्चा की. और सबका जवाब लगभग एक जैसा ही था. सबने ये कहा कि नरेंद्र मोदी को छोड़ने के लिए खुद पुतिन का एयरपोर्ट तक आना कूटनीति का एक बहुत दुर्लभ लम्हा है. आमतौर पर पुतिन, प्रोटोकॉल तोड़कर किसी को छोड़ने के लिए नहीं जाते हैं.

अभी कुछ दिन पहले ही व्लादिमीर पुतिन ने Germany की Chancellor, Angela Merkel से Sochi में औपचारिक मुलाकात की थी. और नरेंद्र मोदी की ही तरह पुतिन ने उनका भी स्वागत किया था. लेकिन पुतिन उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने नहीं गये थे. (यहां ध्यान देने वाली बात ये है, कि Angela Merkel का वो दौरा अनौपचारिक नहीं, बल्कि पूरी तरह औपचारिक था. क्योंकि, वो एक Official Visit पर Russia गई थीं.) पुतिन ने नरेंद्र मोदी को जिस तरह का सम्मान दिया है उससे प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा एक यादगार Album बन गई है. इस यात्रा ने पुतिन और नरेंद्र मोदी की दोस्ती को एक नये Level पर पहुंचा दिया है. प्रधानमंत्री मोदी Russia में जहां भी गए, पुतिन उनके साथ थे. अगर वो चाहते, तो बंद कमरे में अनौपचारिक मुलाकात के बाद उन्हें भारत के प्रधानमंत्री को एयरपोर्ट पर Seeoff करने की ज़रूरत नहीं थी. ऐसा करने के लिए वो अपने Protocol Officers या किसी मंत्री को बोल सकते थे. क्योंकि, किसी भी देश के Chief Protocol Officer की ज़िम्मेदारी होती है, कि वो Visiting Leader को Receive करे और उन्हें See Off करे. आम तौर पर सा क्यों किया जाता है, अब इसकी वजह भी समझ लीजिए.

Protocol शब्द, ग्रीक भाषा के "Proto-Kollan” शब्द से लिया गया है. जिसका मतलब होता है, First Glue, यानी एक प्रकार का गोंद. शुरुआत में Protocol शब्द का इस्तेमाल अलग-अलग देशों के बीच होने वाले आधिकारिक आदान-प्रदान के अलग-अलग तरीकों के लिए किया जाता था. लेकिन बाद में इस शब्द का उपयोग, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अलग-अलग चीज़ों के लिए बड़े पैमाने पर होने लगा. 

और किसी देश के राष्ट्र अध्यक्ष का दूसरे देश में किया जाने वाला State Visit, Official Visit, या Working Visit भी ऐसे ही Protocols के तहत आता है. और उनका स्वागत करने की ज़िम्मेदारी किसी Protocol Officer या मंत्री को दी जाती है. जिस मंत्री को Airport पर किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष को Receive करने की ज़िम्मेदारी दी जाती है, उसे Minister In Waiting कहते हैं. यहां गौर करने वाली बात ये भी है, कि भारत के प्रधानमंत्री ने भी कई मौकों पर Protocol तोड़कर, विदेशी मेहमानों का स्वागत किया है. और वो भी एयरपोर्ट जाकर.

फिर चाहे वो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हों, UAE के Crown Prince हों, Jordon के King हों, इज़राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina, या फिर फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron. भारत के प्रधानमंत्री ने इन सभी को एयरपोर्ट जाकर खुद Receive किया है. हालांकि दिलचस्प बात ये है, कि नरेंद्र मोदी कभी किसी विदेशी मेहमान को Airport तक छोड़ने नहीं गए. 
जबकि दूसरी तरफ, Portugal के प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष सारे नियमों की परवाह किए बगैर, भारत के प्रधानमंत्री को See Off किया था. 2017 में जब नरेंद्र मोदी इज़राएल गये थे. तब Benjamin Netanyahu ने उन्हें एयरपोर्ट पर Receive भी किया था. और वो उन्हें छोड़ने के लिए भी एयरपोर्ट आए थे. और अब व्लादिमीर पुतिन ने भी वैसा ही किया है. 

कई लोग ये भी कहेंगे कि पुतिन ने अगर ऐसा कर भी दिया, तो इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई? लेकिन यही आपके लिए समझने वाली बात है. क्योंकि, अगर एक देश का राष्ट्राध्यक्ष, भारत के प्रधानमंत्री को उसके अनौपचारिक दौरे पर इतना महत्व दे रहा है, तो इसके पीछे कोई ना कोई वजह ज़रूर होगी. और उस वजह को समझने के लिए हमने अलग-अलग तस्वीरों की मदद से एक वीडियो Album तैयार किया है. इस Album को देखने के बाद आपको अपने हर सवाल का जवाब मिल जाएगा.

 

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