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-ईरान में 7 साल के बाद इस तरह का आतंकवादी हमला हुआ है।
-ईरान में आंतरिक विद्रोह की ख़बरें भी बहुत कम सुनने को मिलती हैं।
-वहां से राजनीतिक विरोध की शिकायतें ज़रूर आती रहीं हैं, लेकिन ऐसा आतंकवादी हमला काफी समय से नहीं हुआ था।
-ईरान को हमेशा से ही एक सुरक्षित देश माना जाता है।
-ऐसा भी माना जाता है कि ईरान ने अपने आप को चारों तरफ से सुरक्षित किया हुआ है।
-ईरान, एक ऐसा देश है, जो खुलकर सीरिया और इराक की सरकारों को समर्थन देता है।
-खाड़ी देशों में ईरान वो देश है, जो मुस्लिम देशों में नर्म विचारधारा के लिये जाना जाता है।
-ईरान ने ना सिर्फ तालिबान का विरोध किया बल्कि ईरान को आतंकी विचारधारा यानी Wahabism के रास्ते में भी सबसे बड़ी रुकावट माना जाता है।
-ऐसा इसलिए, क्योंकि ईरान एक शिया देश है, वहां की जनसंख्या की 80 फीसदी से ज़्यादा आबादी शिया है।
-दुनिया में क़रीब 1.5 अरब से ज्यादा मुसलमान हैं।
-जिनमें 85 से 90 फीसदी संख्या सुन्नी हैं, और 10 प्रतिशत शिया हैं।
-संख्या के लिहाज़ से देखा जाए, तो दुनिया भर में सवा अरब से ज्यादा सुन्नी हैं, जबकि शियाओं की संख्या 15 से 20 करोड़ मानी जाती है।
-सऊदी अरब, Egypt और जॉर्डन सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में सुन्नी मुसलमान रहते हैं।
-जबकि ईरान, इराक, बहरीन, अज़रबैजान और यमन शिया बहुसंख्यक आबादी वाले देश हैं।
-ईरान में वर्ष 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद, एक अहम शिया ताकत के तौर पर दुनिया के सामने आया है।
-जिसे सुन्नी सरकारें और खास तौर पर खाड़ी देशों की सरकारें अपने लिए चुनौती समझती हैं।
-Middle East में ईरान और सऊदी अरब को एक दूसरे का विरोधी माना जाता है।
-सऊदी अरब को वहाबी विचारधारा का घर कहा जाता है, और इसी विचारधारा को लेकर ISIS के आतंकवादी नफरत का खेल खेल रहे हैं।