सर्वदलीय बैठकः नागरिकता संशोधन बिल, फारुख अब्दुल्ला की कैद का उठेगा मुद्दा

संसद के इस सत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक तो जरूरी मुद्दा है ही, इसके साथ ही दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण का भी मुद्दा भी उठाया जाएगा. विधेयकों की लिस्ट में डॉक्टरों पर हमले के लिए 10 साल तक कैद संबंधी बिल भी शामिल हैं. इसके अलावा सरकार कॉर्पोरेट टैक्स कम करने और ई-सिगरेट पर बैन लगाने से जुड़े 2 अध्यादेशों की जगह लेने के लिए भी बिल पेश करेगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 17, 2019, 05:42 PM IST
    • विपक्षी दल इस सत्र में किसानों की बदहाली, बेरोजगारी और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर जवाब मांगेंगे
    • नागरिक संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटिजनशिप ऐक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है
सर्वदलीय बैठकः नागरिकता संशोधन बिल, फारुख अब्दुल्ला की कैद का उठेगा मुद्दा

नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. इससे पहले महत्वपूर्ण विधेयकों पर सहमति बनाने और सत्र के दौरान सहयोग के लिए सरकार लगातार विपक्षी दलों से संपर्क कर रही है. शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसके बाद रविवार को संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक में विपक्षी दलों ने नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा, आर्थिक सुस्ती और जॉब में कमी से जुड़ा मुद्दा विपक्षी दलों ने उठाया.

कई दलों के नेता हुए शामिल
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, काग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्र, टीएमसी से डेरेक'ओ ब्रायन, सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके से टीआर बालू, एसपी से रामगोपाल यादव, आरजेडी से मनोज झा समेत तमाम दलों के कई नेता शामिल हुए. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार नियमों के अनुसार सभी प्रकार के बहस को तैयार है. जोशी ने कहा कि शिवसेना के मंत्री ने एनडीए सरकार से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष में बैठने की जगह दी जा रही है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में आर्थिक सुस्ती, जॉब लॉस और किसानों के मुद्दों को संसद सत्र में उठाने की मांग की गई. नैशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद ने अपने नेता फारुख अब्दुल्ला की हिरासत का मामला उठाया.

18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान सरकार नागरिकता संशोधन बिल समेत कुछ अहम विधेयकों को पास कराने की कोशिश करेगी. विपक्ष भी इस दौरान अपनी चिंताओं वाले मुद्दों को सदन में उठाने की कोशिश करेगा.

विपक्ष के विरोध की वजह से ही मोदी सरकार में पिछले कार्यकाल में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित नहीं हो सका था. शनिवार को लोकसभा स्पीकर की बुलाई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने अपने तेवर साफ कर दिए थे। विपक्षी दल इस सत्र में किसानों की बदहाली, बेरोजगारी और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर जवाब मांगेंगे.

कई अहम विधेयकों पर भी होगी बात
संसद के इस सत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक तो जरूरी मुद्दा है ही, इसके साथ ही दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण का भी मुद्दा भी उठाया जाएगा. विधेयकों की लिस्ट में डॉक्टरों पर हमले के लिए 10 साल तक कैद संबंधी बिल भी शामिल हैं. इसके अलावा सरकार कॉर्पोरेट टैक्स कम करने और ई-सिगरेट पर बैन लगाने से जुड़े 2 अध्यादेशों की जगह लेने के लिए भी बिल पेश करेगी. दोनों ही अध्यादेश सितंबर में जारी किए गए थे. नागरिक संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटिजनशिप ऐक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है.

शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक, शामिल हुए विभिन्न दलों के नेता

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