Aaj Ka Panchang: आज है बगलामुखी जयंती, जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Panchang 9 May: आज 9 मई, सोमवार है. साथ ही आज वैशाख अष्टमी, अपराजिता पूजन और बगलामुखी जयंती है. आज के दिन कौनसा उपाय आपकी गुप्त मनोकामना पूरी कर सकता है, जानिए आचार्य विक्रमादित्य सेः

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 8, 2022, 10:20 PM IST
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Aaj Ka Panchang: आज है बगलामुखी जयंती, जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल

नई दिल्लीः Panchang 9 May: आज 9 मई, सोमवार है. साथ ही आज वैशाख अष्टमी, अपराजिता पूजन और बगलामुखी जयंती है. आज के दिन कौनसा उपाय आपकी गुप्त मनोकामना पूरी कर सकता है, जानिए आचार्य विक्रमादित्य सेः

आज का पंचांग
तिथि - 09 मई 2022
बैशाख - शुक्ल पक्ष-  अष्टमी तिथि - सोमवार
नक्षत्र - अश्लेषा नक्षत्र 
महत्वपूर्ण योग- वृद्धि योग 
चन्द्रमा का कर्क के उपरांत 17:07 पर सिंह राशि पर संचरण

आज का शुभ मुहूर्त - रवि योग 17.07 बजे से 
राहु काल - 07.30 बजे से 09.08 बजे तक

त्योहार - वैशाख अष्टमी, अपराजिता पूजन, बगलामुखी जयंती

स्वतंत्र तंत्र के अनुसार भगवती बगलामुखी के प्रादुभार्व की कथा इस प्रकार है- सतयुग में सम्पूर्ण जगत को नष्ट करने वाला भयंकर तूफान आया. प्राणियों के जीवन पर संकट को देख कर भगवान भी चिंतित हो गये. वे सौराष्ट्र देश में हरिद्रा सरोवर के समीप जाकर भगवती को प्रसन्न करने के लिये तप करने लगे. 

श्रीविद्या ने उस सरोवर से बगलामुखी रूप में प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिया और विध्वंसकारी तूफान का तुरंत स्तम्भन कर दिया. बगलामुखी महाविद्या भगवान विष्णु के तेज से युक्त होने के कारण वैष्णवी है. मंगलयुक्त अष्टमी की अर्धरात्रि में इसका प्रादुर्भाव हुआ था. 

देवी बगलामुखी को वीर रति भी कहा जाता है क्योंकि देवी स्वयं ब्रह्मास्त्र रूपिणी हैं. इनके शिव को महारुद्र कहा जाता है. इसीलिए देवी सिद्ध विद्या हैं. तांत्रिक इन्हें स्तंभन की देवी मानते हैं. गृहस्थों के लिए देवी समस्त प्रकार के संशयों का शमन करने वाली हैं.

बुरी शक्तियों का नाश करती हैं देवी
दसमहाविधाओं में से आठवी महाविधा हैं देवी बगलामुखी. इनकी उपासना इनके भक्त शत्रु नाश, वाकसिद्ध और वाद विवाद में विजय के लिए करते हैं. इनमें सारे ब्राह्मण की शक्ति का समावेश है, इनकी उपासना से भक्त के जीवन की हर बाधा दूर होती है और शत्रुओं का नाश के साथ साथ बुरी शक्तियों का भी नाश करती हैं.

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आम के रस से स्नान करके कार्य सिद्धि के लिए मां अपराजिता का पूजन करें. देवी को जटामासी के जल से स्नान कराके, पञ्च गंध (जायफल, पुंगी फल, कपूर, कंकोल और लॉन्ग) का लेपन करें, पंचोपचार पूजन करें, घी युक्त खीर का भोग लगाएं.

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