नई दिल्लीः Dashavatar Vrat Pooja Vidhi: धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु समय-समय पर अवतार लेकर धरती पर आते रहे हैं. उनकी इसी दया को स्मरण करने का दिन है दशावतार व्रत. पौराणिक शास्त्रों में दशावतार व्रत की बड़ी महिमा गाई गई है. प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी तिथि के दिन दशावतार व्रत किया जाता है.
इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के 10 अवतारों की पूजा की जाती है. इस व्रत की पूजा से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और श्रद्धालुओं पर कृपा बरसाती हैं.
दशावतार व्रत में कौन-कौन से अवतार
दशावतार व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. दशावतार व्रत में भगवान विष्णु के 10 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने हर काल में सृष्टि की रक्षा के लिए अवतार लिया है. इन सभी अवतारों में भगवान विष्णु के 10 अवतार काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
ये हैं- मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, भगवान नृसिंह, वामन अवतार, श्रीराम अवतार, श्रीकृष्ण अवतार, परशुराम अवतार, बुद्ध अवतार और कल्कि अवतार.
ऐसे करें भगवान विष्णु का पूजन
इस दिन प्रात:काल दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब दशावतार पूजन के लिए रोली, अक्षत, दीपक, पुष्प, माला, नारियल, नैवेद्य, कपूर, फल, गंगाजल, यज्ञोपवीत, कलश, तुलसी दल, श्वेत चंदन, हल्दी, पीत एवं श्वेत वस्त्र आदि सामग्री एकत्र करें. भगवान विष्णु का स्मरण करें. विष्णु जी की मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं. अब सभी सामग्रियों से विष्णु जी का पंचोपचार पूजन करें. इस दिन विष्णु मंत्र जाप, विष्णु सहस्रनाम, कीर्तन, स्मरण, दर्शन, विष्णु स्तोत्र आदि का पाठ करना शुभ माना जाता है.
इस महामंत्र का करें जाप
इसके साथ ही दशावतार व्रत के दिन विष्णु जी की कथाओं का स्मरण करने का विशेष महत्व है. इसलिए इस दिन श्रीहरि के दशावातार की कथा अवश्य ही पढ़नी चाहिए. आप इस कथा को अपने परिवार वालों और पड़ोसियों को भी सुनाएं. दशावतार व्रत पर आप भगवान विष्णु का महामंत्र-‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें. आप इस मंत्र को अपने सामर्थ्यनुसार 1, 5 या 11 माला अवश्य जपें.
कहते हैं कि सच्ची श्रद्धा के साथ दशावतार पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है. इसके अलावा नारायण गायत्री मंत्र का जाप भी करें. ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥
विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें
आज गुरुवार है. आज भगवान विष्णु का आराध्य दिन है. बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है. भगवान विष्णु को इस जगत का पालक कहा जाता है. आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. धन-धान्य, वैभव एवं भौतिक जगत के सुख की कामना है तो भगवान विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ जरूर करें.
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