नई दिल्लीः Ganesh Chaturthi 2023 Date: गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 19 सितंबर को मनाया जाएगा. उस दिन बप्पा घर-घर विराजेंगे. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है. यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है. वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा किया जाता है. 


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किस दिन रखा जाएगा गणेश चतुर्थी का व्रत
इस बार उदया तिथि के आधार पर 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 2:09 मिनट पर होगी. वहीं 19 सितंबर 2023 को दोपहर 3:13 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त हो जाएगी. लेकिन गणेशोत्सव की शुरुआत 19 सितंबर को रहेगी.


गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त
मान्यता है कि भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. धन के भंडार भर जाते हैं. इस साल गणेश प्रतिमा की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह 11:07 मिनट से दोपहर 01:34 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में घर पर मूर्ति स्थापना कर सकते हैं.


स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न में अवतरित हुए थे भगवान 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में दोपहर के प्रहर में हुआ था. अगर गणेश चतुर्थी पर आप घर पर मूर्ति स्थापना करने जा रहे है तो दोपहर के शुभ मुहूर्त में करना ज्यादा अच्छा होता है.


गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना की विधि
शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर सबसे पहले घर के उत्तर भाग, पूर्व भाग अथवा पूर्वोत्तर भाग में गणेश जी की प्रतिमा रखें. फिर पूजन सामग्री लेकर साफ आसन पर बैठें. पूजा सामग्री में दूर्वा, शमी पत्र,लड्डू, हल्दी, पुष्प और अक्षत शामिल हों. इनसे ही पूजन करके गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है. गणेश जी की आराधना केवल दूर्वा से भी की जा सकती है. 


सबसे पहले गणेश जी को चौकी पर विराजमान करें और नवग्रह, षोडश मातृका आदि बनाएं. चौकी के पूर्व भाग में कलश रखें और दक्षिण पूर्व में दीया जलाएं. अपने ऊपर जल छिड़कते हुए ॐ पुंडरीकाक्षाय नमः कहते हुए भगवान विष्णु को प्रणाम करें. तीन बार आचमन करें और माथे पर तिलक लगाएं. 


अगर आपको कोई भी मंत्र नहीं आता तो ‘ॐ गं गणपतये नमः. इसी मंत्र से सारी पूजा संपन्न कर सकते हैं. हाथ में गंध अक्षत और पुष्प लें और दिए गए मंत्र को पढ़कर गणेश जी का ध्यान करें. इसी मंत्र से उन्हें आह्वान और आसन भी प्रदान करें. पूजा के आरंभ से लेकर अंत तक ॐ श्रीगणेशाय नमः, ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करते रहें. 


आसन के बाद गणेश जी को स्नान कराएं. पंचामृत हो तो और भी अच्छा रहेगा और नहीं हो तो शुद्ध जल से स्नान कराएं. उसके बाद वस्त्र, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि जो भी संभव यथाशक्ति उपलब्ध हो, उसे चढ़ाएं. पूजा के बाद इन्हीं मंत्रों से गणेश जी की आरती करें. 


पुनः पुष्पांजलि हेतु गंध अक्षत पुष्प से इन मंत्रों ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् से पुष्पांजलि अर्पित करें, इसके बाद गणेश जी की तीन बार प्रदक्षिणा करें. 


किस दिन होगा गणेश विसर्जन?
गणेश चतुर्थी पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है. इसी दिन बप्पा को श्रद्धापूर्वक विदा किया जाता है. पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन गुरुवार, 28 सितंबर 2023 को किया जाएगा.


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