Mahakumbh: आनंद-पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की निकली पेशवाई तो गूंजा हर-हर महादेव

Haridwar Mahakumbh 2021 में शुक्रवार को आनंद अखाड़ा और पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई निकाली गई. इस दौरान सड़क के किनारे बने घरों के ऊपर से साधु समाज पर पुष्प वर्षा की गई. उनका भव्य स्वागत किया गया. 

Written by - Vikas Porwal | Last Updated : Mar 5, 2021, 06:15 PM IST
  • Haridwar Mahakumbh की अखाड़ा पेशवाई में नए दौर की आस्था के रंग भी दिखे
  • पंचदशनाम आह्वान अखाड़े और आनंद अखाड़े की पेशवाई धूमधाम से निकाली गई
Mahakumbh: आनंद-पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की निकली पेशवाई तो गूंजा हर-हर महादेव

हरिद्वार: सड़क के दोनों ओर मकान और दुकानें थीं, लेकिन आम दिनों की ही तरह यहां रोज वाली चहल-पहल नहीं थी. इस बदले माहौल को और भांपने के लिए नजर ऊपर उठी तो एक मकान की रेलिंग पर कई लोग राह निहारते झुके नजर आए.

इधर-उधर नजर घुमाने पर ठीक यही नजारा हर घर की छत और हर दुकान की ऊपरी तल पर दिखा. सबकी निगाहें गली के दूसरे छोर पर थीं. कुछ बच्चे फूलों का बंटवारा करते दिखे तो कुछ ने कहा- मुझे भी फूल बरसाने हैं. पूरी गली में ये नजारा आम था. 

बच्चों में दिखा उत्साह
ऐसा क्यों था, इसका जवाब देखकर नहीं सुनकर मिला. गली के दूसरे छोर से आवाज आई हर-हर महादेव. इसी आवाज के पीछे-पीछे नजर आई धर्म ध्वजा और इस धर्म ध्वजा के पीछे चल रहा साधुओं का रेला. जय शिव शंकर, हर-हर गंगे का उद्घोष रेले के बढ़ने के साथ और बढ़ता गया, देखते ही देखते इसने आकाश गूंजा दिया.

जो बच्चे कुछ देर पहले फूल बांट रहे थे वे उत्साह में बोले, आ गए बाबाजी! इसके साथ पुष्प वर्षा का जो सिलसिला शुरू हुआ वह एसएमजेएन कॉलेज से लेकर चेतनदेन की कुटिया व जगद्गुरु आश्रम के सामने से शंकराचार्य तक चलता रहा. 

यह मौका था शुक्रवार को आनंद अखाड़ा और पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई यात्रा का, जिसने धर्मो रक्षति रक्षितः के संदेश को फिर से स्थापित किया. 

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दोपहर दो बजे निकली पेशवाई
Haridwar Mahakumbh 2021 में शुक्रवार को आनंद अखाड़ा और पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई निकाली गई. इस दौरान सड़क के किनारे बने घरों के ऊपर से साधु समाज पर पुष्प वर्षा की गई. उनका भव्य स्वागत किया गया. लोगों ने जय मां गंगे, हर-हर महादेव का जयघोष भी किया.

धरती से गगन तक गूंजते इन जयघोष से हरिद्वार भक्ति और आस्था के रंग में रंग गया. हालांकि पेशवाई निकलने का समय सुबह 9 बजे था, लेकिन बाद में इसे बदलकर दोपहर दो बजे किया गया. 

तय रूट के मुताबिक, आनंद अखाड़ा की पेशवाई एसएमजेएन कॉलेज से शुरू हुई. यहां से पेशवाई यात्रा को शंकर आश्रम तिराहे से सिंहद्वार ले जाया गया. इसके बाद यात्रा कनखल मार्ग, दादूबाग मंदिर, दिव्य योग मंदिर, होते हुए झंडा चौक पहुंची. झंडा चौक से पेशवाई को नया उदासीन अखाड़ा की छावनी, चेतनदेन की कुटिया व जगद्गुरु आश्रम के सामने से शंकराचार्य तक लाया गया. 

11 साल बाद नजर आई भगवा छटा
दूसरी ओर पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई ज्वालापुर के पांडेवाला से शुरू हुई. यह गुघाल रोड होते हुए आर्यनगर चौक, शंकर आश्रम से शिवमूर्ति पहुंची. इसके बाद यहां से जूना अखाड़ा के मुख्य द्वार के सामने से होकर अखाड़े की छावनी ले जाएगी.

उपनगरी ज्वालापुर से होकर निकली तीन अखाड़ों की पेशवाई का नजारा ऐसा था कि इससे 2010 के उस दौर की याद आ गई, जब 11 साल पहले यहां महाकुंभ लगा था. जहां-जहां से पेशवाई निकली हर राह पर फूल बिछे नजर आए. 

गुरुवार को निकली थी जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े की पेशवाई 
इसके पहले गुरुवार को ज्वालानगर में जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े की पेशवाई निकली थी. बैंड-बाजे के साथ भव्य स्वागत तो हुआ ही साथ ही उत्तराखंड की लोक परंपरा की भी छटा दिखाई दी. पांडेवाला स्थित छावनी में संतों के दर्शन और आशीर्वाद के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लग गया. 

करीब साढ़े तीन बजे धूमधाम से पेशवाई निकली. गुरुवार को जूना अखाड़े की पेशवाई जब निकली थी तो इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद का रथ लोगों को खास आकर्षित करता रहा. रथ के आगे उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर लोक कलाकार छोलिया नृत्य कर रहे थे. रथों पर भी गढ़वाल और कुमाऊं के लोक कलाकार नृत्य करते चल रहे थे.

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आशीर्वाद With सेल्फी भी आई नजर
जूना अखाड़ा की पेशवाई में पहली बार पाल वंश राजा और शिक्षाविद् स्वामी वीरेंद्रानंद महामंडलेश्वर के रूप में शामिल हुए. रणसिंघा के साथ पेशवाई निकली तो मसकबीन, ढोल दमाऊ और हुड़का की धुन पर हाथों में तलवार थामे छोलिया कलाकार भी खूब थिरके. पेशवाई में आशीर्वाद के साथ-साथ सेल्फी लेने के लिए भी भक्तों का तांता लगा रहा.

Haridwar Mahakumbh में नए दौर की आस्था के रंग भी दिखे. सेल्फी विद आशीर्वाद के नए ट्रेंड को साधु समाज ने भी अपनाया. हालांकि सुरक्षा बलों ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए लोगों से सेल्फी न लेने की अपील की और बमुश्किल उन्हें किनारे किया. 

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