Vivah Panchami 2022: विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होता विवाह, जानें इसके पीछे का कारण

Vivah Panchami 2022: कहते हैं विवाह पंचमी के दिन जो कन्याएं व्रत करती हैं, उनके विवाह के शीघ्र योग बनते हैं और इस दिन व्रत करने वाले लड़कों का भी शीघ्र विवाह होता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 28, 2022, 08:15 AM IST
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Vivah Panchami 2022: विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होता विवाह, जानें इसके पीछे का कारण

नई दिल्ली: Vivah Panchami 2022 विवाह पचंमी तिथि का शास्त्रों में विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम ने माता सीता के साथ विवाह किया था. इसलिए इस दिन को भगवान राम और माता सीता के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

बन रहे हैं ये शुभ योग
विवाह पंचमी के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रहा है. जो दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 10 बजकर 29 मिनट से आरंभ होगा जो कि अगले दिन सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. वहीं रवि योग सुबह 10 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा, जो कि अगले दिन सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. इन योगों को ज्योतिष शास्त्र में विशेष माना जाता है. साथ ही इन योगों में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होता है.

विवाह पंचमी का महत्व
कहते हैं विवाह पंचमी के दिन जो कन्याएं व्रत करती हैं, उनके विवाह के शीघ्र योग बनते हैं और इस दिन व्रत करने वाले लड़कों का भी शीघ्र विवाह होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था. उन्होंने स्वयंवर में आए सभी राजा और राजकुमारों के समक्ष यह शर्त रखी थी कि उन्हें भगवान शिव के पिनाक धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ानी होगी. जो ऐसा करने में सफल होगा उनसे राजा जनक की पुत्री का विवाह संपन्न होगा. जैसे ही स्वयंवर शुरू हुआ, कोई भी राजकुमार या राजा पिनाक धनुष को अपने स्थान से हिला नहीं पाया. फिर गुरु विश्वामित्र के साथ पहुंचे राम और लक्ष्मण से यह धनुष उठाने को कहा गया.

इन दिन नहीं होते विवाह
भगवान राम आए और उन्होंने उस चमत्कारी धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा दी. यह देखकर राजा जनक को बेहद प्रसन्नता हुई और उन्होंने खुशी-खुशी अपनी बेटी का विवाह उनसे कर दिया. तब से इस दिन विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता रहा है. इस दिन सीता-राम के मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं. भक्तजन इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान का आयोजन संपन्न करते हैं. वर्तमान में जनकपुरी नेपाल में स्थित है. इस दिन वहां और अयोध्या में भव्य आयोजन होते हैं. विवाह पंचमी के दिन धार्मिक आयोजन होते हैं, लेकिन विवाह नहीं होते हैं. कहते हैं जिस प्रकार माता सीता और राम को वियोग सहना पड़ा था, उसी प्रकार से इस दिन विवाह करने वालों को भी वियोग सहन करना पड़ता है.

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